Operation Sindoor: 7 मई 2025 को भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। ऑपरेशन सिंदूर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है और अपने नागरिकों की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर किया गया एक सटीक और सीमित सैन्य अभियान है। इसका मुख्य उद्देश्य उन आतंकी संगठनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करना था, जो भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर भाग लिया। रात करीब 1:44 बजे शुरू हुए इस अभियान में अत्याधुनिक राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि इसमें सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
प्रमुख लक्ष्यों पर सटीक वार
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारतीय सेनाओं ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के कुल 9 ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद, कोटली और बाघ जैसे इलाके शामिल थे। सबसे बड़ा हमला मुजफ्फराबाद स्थित ’88’ कंट्रोल रूम पर किया गया, जो जैश-ए-मोहम्मद का नया ऑपरेशनल सेंटर माना जाता था। इस कंट्रोल रूम को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया। यह केंद्र आतंकी गतिविधियों के संचालन, लॉन्चिंग टाइम और इंटेल नेटवर्क का मुख्य केंद्र था।
रणनीतिक सफलता
इस ऑपरेशन (Operation Sindoor) के जरिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति जीरो टॉलरेंस की है। सरकार ने साफ किया कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है, पाकिस्तान के खिलाफ नहीं। इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अपनी सुरक्षा से समझौता भी नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस ऑपरेशन की पूरी निगरानी की। सेना प्रमुख, एयर चीफ और नेवी चीफ की एक विशेष टीम ने पूरे अभियान को कोऑर्डिनेट किया। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सटीक जानकारी उपलब्ध कराई, जिससे ऑपरेशन में कोई भी सिविलियन कैजुअल्टी नहीं हुई।
जनता और नेताओं की प्रतिक्रिया
देशभर में ऑपरेशन सिंदूर की जबरदस्त सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर #OperationSindoor ट्रेंड कर रहा है। पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों के परिजनों ने इसे सच्ची श्रद्धांजलि बताया। कई नेताओं ने इसे देश की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया और सेना के साहस को सलाम किया।
पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इस हमले (Operation Sindoor) को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। वहीं, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ जैसे वैश्विक संगठनों ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाने की तैयारी की है, लेकिन भारत ने अपने कदम को पूरी तरह वैध और आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया है।
आगे की चुनौतियाँ
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं। भारत सरकार ने देश की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान प्रॉक्सी वॉर के जरिए जवाब देने की कोशिश कर सकता है, लेकिन भारतीय सेना हर चुनौती के लिए तैयार है।
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत के संकल्प, साहस और दृढ़ता का प्रतीक है। इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। आतंकवाद के खिलाफ यह जंग आगे भी जारी रहेगी, और भारत हमेशा आतंक के खिलाफ एक मजबूत और निर्णायक रुख अपनाएगा। भारतवासियों के दिल में इस ऑपरेशन ने नया आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना पैदा की है। पूरा देश अपनी सेनाओं के इस अदम्य साहस को नमन करता है।
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