Bihar Voter ID Correction: मधेपुरा में वोटर आईडी पर नीतीश कुमार की फोटो, सिस्टम की बड़ी लापरवाही या तकनीकी चूक?

On: Thursday, July 10, 2025 11:34 PM
Bihar Voter ID Correction

Bihar Voter ID Correction: बिहार के मधेपुरा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने राज्य की मतदाता पहचान प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मधेपुरा के जयपालपट्टी मोहल्ले की एक महिला के वोटर आईडी कार्ड पर किसी आम व्यक्ति की तस्वीर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फोटो छपी हुई है। यह घटना सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।

मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान सामने आया मामला

बिहार में इन दिनों चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान जहां एक ओर घर-घर जाकर बीएलओ (BLO) लोगों का सत्यापन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस तरह की बड़ी चूक सामने आना पूरे सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है। अगर यह सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी होती, तो बात अलग थी, लेकिन जब किसी राज्य के मुख्यमंत्री की फोटो किसी आम महिला के वोटर कार्ड पर छप जाए तो यह गंभीर प्रशासनिक लापरवाही (Bihar Voter ID Correction) मानी जाती है।

महिला के पति ने उठाए सवाल

इस महिला के पति चंदन कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “यह केवल एक तकनीकी गलती नहीं है, बल्कि यह पूरी प्रक्रिया की असंवेदनशीलता और लापरवाही को दिखाता है। अगर मुख्यमंत्री की फोटो मेरे घर की महिला के कार्ड पर आ सकती है, तो आम नागरिकों के साथ क्या हो रहा होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि जब वह इस मामले को लेकर BLO के पास पहुंचे, तो उनसे कहा गया कि इस बारे में किसी से बात न करें। इस तरह की (Bihar Voter ID Correction) प्रतिक्रिया से मामला और अधिक संदेहास्पद हो गया।

वोटर आईडी प्रिंटिंग प्रक्रिया पर भी उठे सवाल

इस मामले (Bihar Voter ID Correction) पर जब मीडिया ने मधेपुरा के उप निर्वाचन पदाधिकारी जितेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि वोटर आईडी कार्ड कर्नाटक में प्रिंट होते हैं। अगर किसी को गलती सुधारनी है तो फॉर्म-8 भरकर आवेदन करना होगा। यह जवाब साफ तौर पर दिखाता है कि प्रिंटिंग प्रक्रिया और डेटा मैपिंग में कहीं न कहीं चूक हुई है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि – क्या यह महज एक अकेला मामला (Isolated Incident) है या फिर बिहार के अन्य जिलों में भी इस तरह की गड़बड़ियां हो रही हैं?

क्या ठेकेदार की गलती है या सिस्टम फेल?

वोटर कार्ड प्रिंटिंग का काम अक्सर प्राइवेट एजेंसी को आउटसोर्स किया जाता है। ऐसे में कई बार डेटा एंट्री, फोटो अपलोडिंग या प्रिंटिंग के दौरान लापरवाहियां होती हैं। लेकिन जब मामला किसी मुख्यमंत्री के नाम से जुड़ जाए तो सवाल उठता है कि ऐसी गलती कैसे हुई और किसने इसे चेक नहीं किया? सिस्टम में मौजूद डाटा वेरिफिकेशन (Bihar Voter ID Correction) और फाइनल अप्रूवल के कई स्तर होते हैं, फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई?

SSR अभियान की पारदर्शिता पर भी असर

यह मामला (Bihar Voter ID Correction) उस वक्त सामने आया है जब बिहार में SSR अभियान के तहत लाखों लोग अपना नाम जोड़ रहे हैं। ऐसे में इस तरह की लापरवाही SSR अभियान की पारदर्शिता और भरोसे को कमजोर करती है। अगर जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो लोगों का विश्वास इस प्रक्रिया से हट सकता है।

बिहार के मधेपुरा से सामने आया यह मामला केवल एक वोटर आईडी की गलती नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। सरकार और चुनाव आयोग को चाहिए कि वह (Bihar Voter ID Correction) इस तरह की घटनाओं की गंभीरता से जांच करे और दोषियों पर कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई नागरिक ऐसी गलती का शिकार न हो।

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