Bihar Elections 2025: महिलाओं पर नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक, क्या NDA को दिलाएगा सत्ता की वापसी?

On: Saturday, October 4, 2025 5:44 PM
Bihar Elections 2025

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान से पहले ही सूबे की राजनीति में महिला सशक्तीकरण सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपने पुराने और मजबूत राजनीतिक आधार महिलाओं के विश्वास  पर दांव लगाया है। उनकी महत्वाकांक्षी योजना “मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना (Mukhyamantri Mahila Swarojgar Yojana)” को बिहार की राजनीति में गेम चेंजर माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना’ क्या है?

नीतीश कुमार सरकार ने इस योजना के तहत बिहार की 1 करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत प्रत्येक पात्र महिला को ₹10,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है, ताकि वह छोटा व्यवसाय शुरू कर सके। हाल ही में इस योजना की दूसरी किस्त 25 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में भेजी गई है। इसके साथ ही सरकार अगले चरण में ₹2 लाख तक की सहायता राशि देने की तैयारी में है।

महिलाओं के बीच नीतीश की छवि

नीतीश कुमार ने पिछले दो दशकों में महिला सशक्तीकरण को अपनी सबसे बड़ी राजनीतिक पूंजी बनाया है।
उनकी योजनाएँ, साइकिल-पोशाक योजना (लड़कियों की शिक्षा के लिए), शराबबंदी कानून, जीविका दीदी कार्यक्रम, पंचायतों में 50% आरक्षण इन सबने महिलाओं के बीच उनकी मजबूत छवि बनाई है।

नवादा की रेखा देवी कहती हैं, “सरकार ने हमें हाथ पकड़कर खड़ा किया, अब हम खुद कमा सकते हैं।”
वहीं जमुई की संगीता कुमारी का कहना है, “₹10,000 से राहत तो मिली, लेकिन बच्चों के लिए रोजगार अब भी सबसे बड़ा मुद्दा है।”

 महिला वोट बैंक का समीकरण

बिहार में कुल मतदाताओं का लगभग 48% हिस्सा महिलाएं हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 59.7% था, जो पुरुषों के 54.6% से अधिक था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के चुनाव में महिलाएं ‘किंगमेकर’ साबित हो सकती हैं।

चुनावी असर: गेमचेंजर या सीमित लाभ?

यह योजना ग्रामीण महिलाओं के बीच आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की भावना को मजबूत कर रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना का असर खासकर ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों में ज्यादा दिखेगा, जहां महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ी हैं। हालांकि, शहरी युवतियों में इसका प्रभाव सीमित रह सकता है, क्योंकि वे रोजगार और शिक्षा को प्राथमिकता देती हैं।

NDA को लाभ या विपक्ष को मौका?

अगर महिलाएं इस योजना को वास्तविक राहत मानती हैं, तो इसका सीधा फायदा NDA गठबंधन को मिलेगा। वहीं, विपक्ष इसे “चुनावी चाल” बताकर नीतीश कुमार की मंशा पर सवाल उठा रहा है। तेजस्वी यादव का कहना है, “₹10,000 देकर सरकार रोजगार से बच नहीं सकती, असली समस्या बेरोजगारी है।”  वहीं प्रशांत किशोर (PK) ने भी कहा कि “घोषणाओं से नहीं, अवसरों से बिहार का भविष्य बदलेगा।”

नीतीश कुमार महिलाओं को फिर से NDA के पक्ष में लामबंद करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। यह योजना चुनाव से पहले एक ‘मास्टर स्ट्रोक’ साबित हो सकती है। हालांकि बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे अब भी विपक्ष के लिए मजबूत हथियार बने हुए हैं।

बिहार चुनाव का महिला फैक्टर

नीतीश कुमार की ₹10,000 वाली महिला योजना न केवल सामाजिक बदलाव का संकेत है, बल्कि यह राजनीतिक रूप से निर्णायक कदम भी है। 2025 के चुनावी नतीजे यह तय करेंगे कि क्या यह योजना NDA को सत्ता की राह दिखाएगी या फिर विपक्ष इस लहर को बेरोजगारी के मुद्दे में बदल देगा।

Read Also: बिहार में बारिश ने मचाया कोहराम, कई जिलों में स्कूल और सरकारी दफ्तर हुए बंद

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment