Surajbhan Singh: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब बिहार की सियासत एक अलग ही रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है. कई वरिष्ठ नेता और उम्मीदवार ऐसे हैं जो अपनी पार्टी से खफा होकर दूसरी पार्टी का दामन थाम रहे हैं. इसी बीच देखा जाए तो राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद माने जाने वाले सूरजभान सिंह ने अब अपनी पार्टी का साथ छोड़ने का फैसला लिया है.
लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस को सूरजभान सिंह ने इस्तीफा की कॉपी भेज दी है. पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. इसके बाद यह खबर काफी चर्चा में है.
नाराज होकर Surajbhan Singh ने दिया इस्तीफा
पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही सूरजभान सिंह ने अपने त्यागपत्र में यह कहा कि ‘पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है. राष्ट्रीय नेतृत्व के द्वारा कोई भी निर्णय सामूहिक रूप से नहीं लिया जा रहा था. जिस पार्टी को मैंने अपने जीवन काल में अपने दिवंगत नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान जी के साथ जुड़कर दो दशक से पार्टी एवं संगठन को खड़ा करने का काम किया, जब से मैंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की उस समय से आज तक रामविलास पासवान जी के पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा रहा है.

मेरे विरोध के बावजूद भी पार्टी को तोड़ा गया, फिर भी मैं पार्टी के साथ पूरी ईमानदारी से बना रहा. रामविलास पासवान के हजारों लाखों कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के लिए सूरजभान सिंह के लिए कोई भी पद मायने नहीं रखता. मैं उनकी विरासत को बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी दे सकता हूं’. अंत में सूरजभान सिंह ने लिखा स्वर्गीय रामविलास पासवान के कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान एवं स्वाभिमान को बचाने के लिए पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि पार्टी की विचारधारा अब उनके सिद्धांतों एवं उनके विचारों से पूरी तरह भटक गई है.