Bihar Election 2025 के बीच अब सियासत के साथ-साथ घटनाओं की गर्मी भी बढ़ने लगी है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होते ही बिहार के जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है। AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रत्याशी और नगर परिषद जहानाबाद के पूर्व उपाध्यक्ष मो. कलाम उद्दीन को मंगलवार को नामांकन के तुरंत बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के कुछ ही देर बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। फिलहाल उनका इलाज पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में चल रहा है।
Bihar Election 2025: नामांकन के तुरंत बाद हुई गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन, मंगलवार को AIMIM गठबंधन के प्रत्याशी मो. कलाम उद्दीन ने जहानाबाद से नामांकन दाखिल किया। नामांकन के तुरंत बाद ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं, जिससे समर्थकों में नाराज़गी फैल गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह गिरफ्तारी काको थाना क्षेत्र में दर्ज एक पुराने आपराधिक मामले (हत्या के प्रयास) से जुड़ी है।
गिरफ्तारी के बाद अचानक आया हार्ट अटैक
काको थाना पुलिस ने मो. कलाम उद्दीन को थाने लाकर पूछताछ शुरू की, लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। थानाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान उम्मीदवार को हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्हें तुरंत सदर अस्पताल, जहानाबाद ले जाया गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति गंभीर होने पर उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) रेफर कर दिया। फिलहाल उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है, और उन्हें कार्डियक आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
समर्थकों का हंगामा, अस्पताल में मचा अफरा-तफरी
जैसे ही समर्थकों को उम्मीदवार की गिरफ्तारी और हार्ट अटैक की खबर मिली, बड़ी संख्या में लोग जहानाबाद सदर अस्पताल और बाद में पीएमसीएच के बाहर जुट गए। लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और गिरफ्तारी को “राजनीतिक साजिश” करार दिया। कुछ समय के लिए अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और भीड़ को नियंत्रित किया।
पुराना मामला बना गिरफ्तारी की वजह
पुलिस के अनुसार, यह गिरफ्तारी एक पुराने मामले से संबंधित है। यह मामला काको थाना में धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दर्ज किया गया था। थानाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि “आरोपी मो. कलाम उद्दीन के खिलाफ एक पुराना मामला लंबित था। इसी सिलसिले में उन्हें न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार किया गया है। आगे की कार्रवाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार की जाएगी।” हालांकि, राजनीतिक हलकों में इस गिरफ्तारी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ लोग इसे चुनावी रणनीति से प्रेरित कार्रवाई बता रहे हैं।
AIMIM नेताओं का आरोप – ‘राजनीतिक साजिश’
AIMIM के प्रदेश प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह राजनीतिक दबाव में की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्षी उम्मीदवारों को डराने और चुनावी मैदान से बाहर करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था “हमारे प्रत्याशी को नामांकन के तुरंत बाद गिरफ्तार करना लोकतंत्र पर हमला है। अगर किसी मामले की कार्रवाई करनी थी, तो चुनाव के बाद की जा सकती थी। यह साफ तौर पर राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है।”
PMCH में उमड़ी भीड़, बढ़ी सुरक्षा
पटना के पीएमसीएच अस्पताल में बुधवार सुबह तक बड़ी संख्या में AIMIM कार्यकर्ता, समर्थक और स्थानीय लोग पहुंच गए। अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है। डॉक्टरों ने बताया कि मो. कलाम उद्दीन की स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन उन्हें लगातार मॉनिटर किया जा रहा है।
जहानाबाद की सियासत में मचा भूचाल
इस घटना के बाद जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्म हो गया है। जहां एक ओर AIMIM समर्थक नाराज़ हैं, वहीं प्रतिद्वंद्वी दलों के नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस गिरफ्तारी का असर स्थानीय वोट पैटर्न पर भी पड़ सकता है।
दो प्रत्याशियों की गिरफ्तारी से बढ़ा तनाव
सिर्फ AIMIM ही नहीं, बल्कि इसी दिन सासाराम से राजद प्रत्याशी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। झारखंड पुलिस ने उन्हें एक पुराने आपराधिक मामले में पकड़ा। लगातार दो प्रत्याशियों की गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में यह मुद्दा अब बड़ा बनता जा रहा है।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। कई यूजर्स ने लिखा कि “नामांकन के तुरंत बाद गिरफ्तारी” लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि कानून सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए, चाहे वह प्रत्याशी ही क्यों न हो।
चुनावी मौसम में ‘कानून बनाम राजनीति’ की जंग
Bihar Election 2025 में यह घटना एक नए मोड़ की तरह सामने आई है। जहां एक ओर पुलिस अपनी कार्रवाई को कानूनी प्रक्रिया बता रही है, वहीं AIMIM इसे राजनीतिक साजिश कह रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या मो. कलाम उद्दीन चुनावी मैदान में बने रह पाते हैं या नहीं।