Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र से एक बड़ा विवाद सामने आया है। यहां बीजेपी प्रत्याशी और बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा पर कांग्रेस उम्मीदवार ऋषि मिश्रा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी ने दावा किया है कि बीजेपी प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए घड़ियां बांट रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एक स्कॉर्पियो वाहन जब्त किया है।
Bihar Election 2025: पूरा मामला क्या है?
यह मामला 21 अक्टूबर 2025 का बताया जा रहा है। कांग्रेस उम्मीदवार ऋषि मिश्रा को सूचना मिली कि जाले के धनकौल मार्ग पर मस्का बाजार के पास एक गाड़ी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है। सूचना के बाद कांग्रेस प्रत्याशी खुद मौके पर पहुंचे और वाहन को रोका। जांच में पाया गया कि उस गाड़ी में बीजेपी चुनाव चिन्ह वाली दर्जनों घड़ियां रखी हुई थीं। आरोप है कि ये घड़ियां मतदाताओं को प्रलोभन के रूप में बांटी जानी थीं। कांग्रेस प्रत्याशी ने इसकी जानकारी तुरंत पुलिस और चुनाव आयोग को दी।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति
सूचना मिलते ही जाले थाना पुलिस मौके पर पहुंची और गाड़ी को जब्त कर लिया। जांच में पता चला कि यह स्कॉर्पियो वाहन मंत्री जीवेश मिश्रा के नाम से रजिस्टर्ड है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि गाड़ी में रखी घड़ियों की कुल संख्या और कीमत क्या है। फिलहाल एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन आचार संहिता उल्लंघन के तहत जांच जारी है। थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल ने बताया कि एफएसटी (Flying Squad Team) ने वाहन को कब्जे में लेकर चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी है।
कांग्रेस उम्मीदवार का आरोप
कांग्रेस प्रत्याशी ऋषि मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा “बीजेपी लोकतंत्र को खरीदने की कोशिश कर रही है। मतदाताओं को घड़ियां बांटकर प्रभावित किया जा रहा था, जो चुनाव आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है।” उन्होंने यह भी मांग की कि चुनाव आयोग इस मामले में तुरंत कार्रवाई करे ताकि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके।
बीजेपी की चुप्पी
इस पूरे मामले पर अब तक बीजेपी या मंत्री जीवेश मिश्रा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह मामला राजनीतिक साजिश हो सकता है और इसकी जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।
पहले चरण में जाले सीट पर मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जाले विधानसभा सीट पर पहले चरण में यानी 6 नवंबर 2025 को मतदान होना है। जीवेश मिश्रा इस सीट से 2015 और 2020 दोनों बार चुनाव जीत चुके हैं और इस समय बिहार सरकार में मंत्री हैं। इस घटना के बाद यह सीट अब राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर सुर्खियों में आ गई है।
आचार संहिता के तहत सख्ती
चुनाव आयोग ने पहले ही सभी उम्मीदवारों को चेताया है कि चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई भी वस्तु बांटना अपराध माना जाएगा। आयोग के मुताबिक, ऐसी गतिविधियां चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करती हैं। अब इस मामले में आयोग की ओर से औपचारिक जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है।
बिहार चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। जाले विधानसभा का यह मामला न केवल चुनावी माहौल को गर्मा रहा है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि इस बार चुनाव आयोग पूरी तरह सख्त रुख में है। मतदाताओं की नजर अब सिर्फ इस बात पर है कि इस आरोप की सच्चाई क्या है — क्या यह वाकई नियमों का उल्लंघन था या एक राजनीतिक चाल?