Bihar Election Counting 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना से पहले वैशाली जिले में प्रशासन ने खास व्यवस्था की है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की सीट राघोपुर और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव की सीट महुआ — दोनों की वोटों की गिनती अलग-अलग केंद्रों पर की जाएगी।
तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट की मतगणना हाजीपुर के आईटीआई परिसर में होगी, जबकि तेज प्रताप यादव की महुआ सीट की मतगणना हाजीपुर शहर के आर.एन. कॉलेज में की जाएगी। दोनों ही स्थानों पर प्रशासन ने सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
Bihar Election Counting 2025: क्यों बनाई गई दो काउंटिंग सेंटर की व्यवस्था?
वैशाली जिले में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से पांच सीटों महनार, लालगंज, वैशाली, महुआ और राजापाकर की मतगणना आर.एन. कॉलेज में होगी। वहीं, हाजीपुर, पातेपुर और राघोपुर सीट की गिनती आईटीआई प्रशिक्षण संस्थान में की जाएगी। जिला प्रशासन के अनुसार, यह व्यवस्था जगह की कमी और सुरक्षा कारणों से की गई है। मतगणना टेबलों की अधिक संख्या और कर्मचारियों की उपस्थिति को देखते हुए, अलग-अलग केंद्र बनाना जरूरी समझा गया।
पहले भी हुआ था ऐसा प्रबंध
लोकसभा चुनाव के दौरान भी हाजीपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कई सीटों की मतगणना आर.एन. कॉलेज में हुई थी। लेकिन इस बार विधानसभा सीटों की संख्या अधिक होने की वजह से दो अलग-अलग स्थल चुने गए हैं, ताकि मतगणना कार्य सुचारू और पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा सके।
पूरे बिहार में 46 मतगणना केंद्र
चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार राज्यभर के 38 जिलों में कुल 46 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। यानी कुछ जिलों में एक से अधिक स्थानों पर गिनती होगी। इनमें वैशाली के अलावा सहरसा, पूर्वी चंपारण, सीवान, भागलपुर, गया और पूर्णिया भी शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर सहरसा जिले में चार विधानसभा सीटें हैं, लेकिन मतगणना के लिए तीन केंद्र बनाए गए हैं।
पटना में एक ही केंद्र
दिलचस्प बात यह है कि पटना जिले में 14 विधानसभा सीटें होने के बावजूद, वहां की पूरी मतगणना केवल ए.एन. कॉलेज, पटना में ही होगी। वहीं वैशाली जैसे जिलों में स्थान की कमी और सुरक्षा कारणों से अलग-अलग केंद्रों की जरूरत पड़ी।
चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने मतगणना के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। हर काउंटिंग हॉल में सीसीटीवी कैमरे, बैरकेडिंग, और प्रवेश नियंत्रण प्रणाली लगाई गई है। 14 नवंबर की सुबह 8 बजे से पूरे राज्य के 46 केंद्रों पर एक साथ गिनती शुरू होगी। हर चरण की निगरानी चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों द्वारा की जाएगी।
वैशाली की सियासत पर सबकी नजरें
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि जब दोनों भाइयों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की सीटों के परिणाम अलग-अलग केंद्रों से आएंगे, तो वैशाली की सियासत का रुख किस ओर जाएगा। क्या लालू परिवार एक बार फिर अपनी परंपरागत सीटों को बरकरार रख पाएगा या इस बार कुछ नया देखने को मिलेगा? 14 नवंबर को इसका जवाब पूरे बिहार को मिलेगा।








