Tej Pratap Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर की खींचतान अब खुलकर सामने आ चुकी है। लालू यादव परिवार की आंतरिक राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तीखे आरोपों के घेरे में है। तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर अपने छोटे भाई और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए पार्टी में जारी “दरबारी राजनीति” पर कड़ा सवाल खड़ा किया है।
Tej Pratap Yadav: रोहिणी आचार्य के इस्तीफे पर तेज प्रताप का हमला
तेज प्रताप की पार्टी जनशक्ति जनता दल के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर जारी पोस्ट के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई। अपनी बहन रोहिणी आचार्य के पार्टी से अलग होने पर तेज प्रताप ने कहा कि “अगर सबको बाहर करते रहोगे तो RJD में बचेगा कौन? यही सवाल आज जनता भी पूछ रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी नेतृत्व एक-एक कर अपने ही परिवार और कार्यकर्ताओं को किनारे लगा रहा है, जिससे कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है।
‘नई RJD’ पर तेज प्रताप का सीधा हमला
तेज प्रताप ने दावा किया कि उन्हें पहले पार्टी से निकाल दिया गया था और उस वक्त कई लोगों ने सोचा कि “इससे फर्क नहीं पड़ेगा।” लेकिन अब, उनके अनुसार पार्टी की हालत उन आशंकाओं के बिल्कुल उलट साबित हो रही है।
तेज प्रताप ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक पार्टी में हाशिए पर रखा गया और उनकी बातों को अनसुना किया गया। परंतु जब उन्होंने “नई RJD” की सच्चाई सार्वजनिक की, तब नेतृत्व को अपनी गलतियों का एहसास होने लगा।
चुनावी आंकड़ों के सहारे तेजस्वी यादव पर कटाक्ष
तेज प्रताप यादव ने RJD के चुनावी प्रदर्शन को आधार बनाकर तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सीधा सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पार्टी की लगातार गिरती सीटें इस बात का संकेत हैं कि संगठन में गंभीर रणनीतिक कमी और नेतृत्व संकट मौजूद है। तेज प्रताप के मुताबिक 2015 में जहां RJD के पास 80 सीटें थीं, वहीं 2020 में यह संख्या घटकर 75 रह गई। हाल के चुनाव में पार्टी मात्र 25 सीटों पर सिमट गई, जो RJD के इतिहास में सबसे बड़े राजनीतिक गिरावटों में से एक है।
तेज प्रताप ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि “दरबारी राजनीति” का यही दौर जारी रहा और नेतृत्व ने जमीनी कार्यकर्ताओं की आवाज़ को अनसुना किया, तो पार्टी का सफर 25 से भी नीचे गिरकर 5 सीटों तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी। उनके बयान ने साफ कर दिया कि RJD की वर्तमान स्थिति केवल चुनावी हार नहीं, बल्कि संगठनात्मक दिशा भटकने का परिणाम है।परिवारिक विवाद से बढ़ी राजनीतिक हलचल
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि पहले उन्हें हटाया गया, अब “देवी समान बहन रोहिणी आचार्य” को पार्टी से अलग कर दिया गया। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा “पूरा बिहार हंस रहा है। जो परिवार पहले लोगों को हंसाता था, आज खुद मज़ाक बन गया है।”
महाभारत का उदाहरण देकर दी बड़ी चेतावनी
अपनी पोस्ट के अंत में तेज प्रताप ने महाभारत का संदर्भ देते हुए लिखा “इज़्ज़त का तमाशा जब-जब हुआ है पार्थ… धर्म ने सिर्फ हस्तिनापुर नहीं, पूरा इतिहास बदल दिया है।” यह बयान साफ संकेत देता है कि RJD में खींचतान आगे और तेज हो सकती है।
RJD के भीतर चल रही यह सियासी जंग बिहार की राजनीति में बड़ा असर डाल सकती है। तेज प्रताप लगातार नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि चुनावी नतीजों ने पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। पार्टी की एकजुटता और नेतृत्व क्षमता पर उठ रहे सवालों का जवाब आने वाले महीनों में बिहार की राजनीति की दिशा तय कर सकता है।








