Kiul Junction Fire: बिहार के लखीसराय जिले में स्थित किऊल जंक्शन रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह बड़ी घटना होते-होते टल गई, जब स्टेशन परिसर के भीतर मौजूद रेलवे मेल सर्विस (RMS) ऑफिस में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग भड़क उठी। घटना के समय ऑफिस में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे बड़ी जनहानि टल गई, लेकिन रेलवे की महत्वपूर्ण संपत्ति जलकर पूरी तरह नष्ट हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी कुछ ही मिनटों में इतनी तेज आग में बदल गई कि कुछ भी बचाने का मौका नहीं मिला। ऑफिस में रखे कंप्यूटर सेट, सीसीटीवी कैमरे, फर्नीचर और बड़ी मात्रा में आवश्यक डाक सामग्री देखते ही देखते राख हो गई। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, इस दुर्घटना में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
Kiul Junction Fire: लखीसराय के किऊल जंक्शन पर अचानक भड़की आग से मचा हड़कंप
आग लगने की जानकारी मिलते ही स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और यात्री समेत सभी कर्मचारी सुरक्षा के लिए इधर-उधर भागने लगे। सूचना देने के बावजूद दमकल विभाग की टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लग गया। आग तेजी से फैल रही थी, लेकिन स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मचारियों ने अपनी क्षमता के अनुसार आग को नियंत्रित करने की कोशिश की। इसके बाद दमकल कर्मियों ने पहुंचकर काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और स्टेशन के अन्य हिस्सों को जलने से बचा लिया।
रेलवे ने शुरू की प्रारंभिक जांच—सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठे सवाल
घटना के बाद रेलवे की ओर से जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने शॉर्ट सर्किट के सही कारण, संभावित लापरवाही और वास्तविक नुकसान का आकलन करने की दिशा में टीम गठित कर दी है। इस हादसे ने रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था और फायर सेफ्टी इक्विपमेंट की उपलब्धता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों की सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की देखरेख और इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को और बेहतर बनाने की जरूरत एक बार फिर उजागर हुई है।
सुरक्षा सुधार की जरूरत पर जोर
यह घटना बताती है कि रेलवे परिसरों में फायर अलार्म सिस्टम, मेंटेनेंस चेक, और त्वरित आपदा प्रबंधन कितना जरूरी है। किऊल जंक्शन पर हुई क्षति को काबू कर लिया गया, लेकिन इसने संकेत दे दिया है कि सुरक्षा में चूक का परिणाम कितना बड़ा हो सकता है। अब यह देखने वाली बात होगी कि रेलवे इस हादसे से सबक लेते हुए भविष्य के लिए सुरक्षा मानकों को और मजबूत करता है या नहीं।








