Anant Singh News: इस दिन जेल से बाहर आएंगे अनंत सिंह? हथकड़ी में शपथ या विधायकी पर संकट? पूरी जानकारी

On: Wednesday, November 26, 2025 11:15 AM
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Anant Singh News: बिहार की नई सरकार के गठन के बाद अब सबसे अधिक चर्चा जिस मुद्दे पर हो रही है, वह है मोकामा से 28 हजार वोटों से जीतने वाले जदयू विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह की विधायक पद की शपथ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दसवीं बार शपथ ली है और 25 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया है।

1 दिसंबर को सभी 243 नवनिर्वाचित विधायक शपथ लेंगे, लेकिन अनंत सिंह इस समय बेऊर जेल में बंद हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि वे शपथ कैसे और कब लेंगे? क्या वे पैरोल पर बाहर आ पाएंगे या जेल में ही शपथ लेनी पड़ेगी? या फिर शपथ न लेने की स्थिति में उनकी विधायकी पर खतरा मंडरा सकता है?

Anant Singh News: बेऊर जेल में बंद हैं बाहुबली विधायक अनंत सिंह

अनंत सिंह इस वक्त दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं और हाल ही में पटना सिविल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिससे फिलहाल उनके जेल से बाहर आने की संभावनाएं कम हो गई हैं। हालांकि अनंत सिंह के लिए यह स्थिति नई नहीं है। 2020 में भी उन्होंने जेल में रहते हुए चुनाव जीता था और तब उन्हें पैरोल पर बाहर लाकर विधानसभा में शपथ दिलाई गई थी।

इस बार भी उनके वकीलों की ओर से पैरोल के लिए याचिका दायर किए जाने की पूरी संभावना है और यदि कोर्ट अनुमति देता है तो उन्हें शपथ ग्रहण के लिए बाहर लाया जा सकता है। शपथ लेने के बाद उन्हें तुरंत वापस जेल भेजा जाएगा।

क्या पैरोल पर बाहर आकर लेंगे शपथ?

यदि पैरोल नहीं मिलता है, तब भी शपथ दिलाने का रास्ता बंद नहीं होता। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत राज्यपाल या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी के सामने शपथ दी जाती है। बेहद दुर्लभ मामलों में अधिकारी जेल जाकर भी विधायक को शपथ दिला सकते हैं। इसलिए यदि परिस्थितियाँ मजबूर करती हैं, तो अधिकृत अधिकारी बेऊर जेल में जाकर अनंत सिंह को शपथ दिला सकते हैं। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है, लेकिन कानूनी रूप से यह विकल्प हमेशा खुला रहता है।

6 महीने वाला नियम क्या है?

सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि यदि कोई विधायक छह महीने तक शपथ नहीं ले पाता या सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होता तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है। इसलिए अनंत सिंह को हर हाल में छह महीने के भीतर शपथ लेनी होगी। शपथ के बाद भी यदि वे जेल में ही रहते हैं, तो उन्हें अपनी अनुपस्थिति की लिखित सूचना स्पीकर को देनी होगी, क्योंकि कोई भी सदस्य लगातार 59 दिनों से अधिक सदन से अनुपस्थित नहीं रह सकता।

फिलहाल मामला इस पर निर्भर करता है कि उनके खिलाफ दाखिल होने वाली चार्जशीट हल्की धाराओं में होती है या गंभीर आरोप तय होते हैं। हल्की धाराओं में चार्जशीट होने पर उन्हें जमानत मिल सकती है और वे सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं, लेकिन गंभीर आरोप तय होने पर उनका जेल से बाहर आना मुश्किल हो सकता है।

पहले भी हो चुकी है विधायकी रद्द

पहले भी अनंत सिंह की विधायकी रद्द हो चुकी है। 2022 में अवैध हथियार मामले में 10 वर्ष की सजा मिलने पर उन्हें अयोग्य ठहराया गया था, हालांकि 2024 में हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। अब दोबारा जीतने के बाद लोगों की नजर इस बात पर है कि शपथ प्रक्रिया कैसे पूरी होगी। सोशल मीडिया और उनके समर्थकों के बीच “जेल के ताले टूटेंगे, अनंत भाई छूटेंगे” जैसे नारे गूंज रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि अभी के हालात को देखते हुए उनका बाहर आना बेहद कठिन दिखाई देता है। अब देखना यह होगा कि छोटे सरकार शपथ लेने के लिए बाहर आते हैं या फिर जेल में ही शपथ दिलाई जाती है।

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