Anant Singh News: बिहार में नई सरकार का गठन पूरा हो चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार शपथ ली है और 26 मंत्रियों को विभाग भी बांट दिए गए हैं। इसी बीच विशेष विधानसभा सत्र बुलाए जाने की तैयारी चल रही है, जिसमें सभी 243 निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इसी प्रक्रिया के बीच सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि मोकामा से भारी अंतर से जीत दर्ज करने वाले जदयू विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह, जो इस समय बेऊर जेल में बंद हैं, आखिर विधायक पद की शपथ कैसे लेंगे।
Anant Singh News: अनंत सिंह इस समय जेल में क्यों हैं?
अनंत सिंह इस समय दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। हाल ही में उन्होंने पटना सिविल कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। यह स्थिति साफ करती है कि शपथ को लेकर कानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया ही एकमात्र रास्ता है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए चुनाव जीता है। 2020 में भी वे जेल में थे और अदालत से मिली पैरोल पर बाहर आकर शपथ ली थी। इस बार भी वही प्रक्रिया दोहराए जाने की संभावना सबसे अधिक मानी जा रही है।
क्या जेल में रहते हुए विधायक शपथ ले सकते हैं?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत हर विधायक को राज्यपाल या उनके द्वारा नियुक्त अधिकारी के समक्ष शपथ लेनी होती है। आमतौर पर जेल में बंद निर्वाचित प्रतिनिधि पैरोल या अंतरिम जमानत लेकर विधानसभा पहुंचते हैं और शपथ ग्रहण के बाद वापस जेल लौट जाते हैं। यह सबसे आम और आसान प्रक्रिया होती है। हालांकि दुर्लभ परिस्थितियों में अधिकृत अधिकारी जेल जाकर भी शपथ दिला सकता है, लेकिन ऐसा बहुत कम ही मामलों में हुआ है। इसलिए अनंत सिंह का मुख्य प्रयास पैरोल पर बाहर आकर शपथ लेने का ही होगा।
क्या जेल में मौजूद विधायक को शपथ दिलाई जा सकती है?
शपथ को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी विधायक को छह महीने के भीतर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेना होता है। अगर छह महीनों तक विधायक सदन में उपस्थित नहीं होता, तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। यही कारण है कि अनंत सिंह को किसी भी हाल में छह महीने के भीतर शपथ लेकर कम से कम विधानसभा की औपचारिक कार्यवाही में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। शपथ के बाद भी अगर वे जेल में ही रहते हैं, तो 59 दिनों से अधिक लगातार अनुपस्थित रहने पर उन्हें स्पीकर को लिखित सूचना देनी होगी कि वे न्यायिक हिरासत में हैं।
क्या अनंत सिंह की विधायकी रद्द हो सकती है?
अनंत सिंह की विधायकी रद्द होने का मामला इस बात पर निर्भर करेगा कि अदालत में उनके खिलाफ कौन से आरोप साबित होते हैं। अगर चार्जशीट हल्की धाराओं में दाखिल होती है और गंभीर आरोप सिद्ध नहीं होते हैं, तो उन्हें जमानत मिलने की संभावना बन सकती है और वे सदन की कार्यवाही में नियमित रूप से हिस्सा ले पाएंगे।
लेकिन अगर अदालत में वे दोषी साबित हो जाते हैं और दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उनकी विधायकी स्वतः समाप्त हो जाएगी। इससे पहले 2022 में अवैध हथियार मामले में उन्हें 10 साल की सजा मिलने पर उनकी विधायकी रद्द हो चुकी है, हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
फिलहाल यह अनुमान है कि विधायकों का शपथ ग्रहण 25 नवंबर के बाद होगा और अनंत सिंह पैरोल की कोशिश करेंगे। आने वाले दिनों में अदालत में होने वाली सुनवाई और प्रशासनिक निर्णयों के आधार पर यह स्पष्ट हो जाएगा कि छोटे सरकार शपथ लेने के लिए जेल से बाहर आ पाएंगे या शपथ की विशेष व्यवस्था जेल के भीतर की जाएगी। अभी पूरा मामला कानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया पर टिका हुआ है और जल्द ही स्थिति साफ होने की उम्मीद है।
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