Bhojpur Flood: इस वक्त देखा जाए तो बिहार के अलग-अलग हिस्से में बाढ़ ने कोहराम मचाया है जहां लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है। इसका सबसे ज्यादा प्रकोप भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के तहत दामोदरपुर पंचायत स्थित जवईनिया गांव में देखने को मिल रहा है, जहां गंगा नदी ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। इस गांव की स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि करीब 150 से भी ज्यादा घर गंगा में समाहित हो चुके हैं। हर दिन गांव की मिट्टी खिसक रही है और अभी भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें अपने आशियाने को खोने का डर सता रहा है।
Bhojpur Flood: घर छोड़कर दूर बसने को लोग मजबूर
स्थिति इतनी विकराल हो चुकी है कि लोग अपना सब कुछ छोड़कर कहीं दूर बसने को मजबूर हो चुके हैं। गंगा नदी का कटाव जिस प्रकार नजर आ रहा है, वैसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जवईनिया गांव आने वाले समय में केवल एक इतिहास बनकर रह जाएगा। दरअसल यहां पर गंगा नदी उत्तर दिशा से गांव को काट रही है जो अब गांव के दक्षिण दिशा के अंतिम छोर तक पहुंच गई है।

गंगा नदी जहां तक पहुंची है, वहां केवल गांव का मध्य विद्यालय ही बचा हुआ है। बाकि पूरा का पूरा गांव खाली हो चुका है। हालांकि प्रशासन की ओर से राहत कार्य चलाया जा रहा है। फिलहाल अपना घर बार सब कुछ छोड़कर सैकड़ो लोग तटबंध पर बनाए गए टेंट में रहने को मजबूर है, जहां प्रशासन उन्हें भोजन, पीने का पानी और प्लास्टिक सीटो की व्यवस्था करा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों से लेकर बुजुर्गों को हो रही है।
लोगों ने की ठोस कदम उठाने के मांग
जवईनिया गांव में कई ऐसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो गंगा के लगातार हो रहे कटाव के कारण अब केवल इतिहास बनकर रह गए हैं, जिसमें घुरुहु ब्रह्मा बाबा का मंदिर, वृक्ष दंड ब्रह्मा बाबा का मंदिर, गोवर्धन मंदिर और मां काली मंदिर अब केवल यादों में ही बाकी है।
फिलहाल गंगा का जलस्तर खतरे के लाल निशान से थोड़ा नीचे जरूर आ गया है, लेकिन अभी भी कटाव रुका नहीं है। गांव के लोग सरकार से स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं। अगर समय रहते प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आने वाले समय में स्थिति और भी ज्यादा विकराल हो सकती है।
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