Ayushman Card : पटना में मंगलवार को आयोजित एक अहम कार्यशाला के दौरान बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक बिहार में 20 लाख 50 हजार से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ मिल चुका है। इस योजना के तहत राज्य में 2600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। इस उपलब्धि के साथ ही बिहार देशभर में तीसरे स्थान पर आ गया है।
मंत्री मंगल पांडेय पटना के बापू टावर में आयोजित आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना की कार्यशाला में बोल रहे थे। इस मौके पर 68 नए निजी अस्पतालों को योजना में शामिल करने की घोषणा भी की गई।
1173 अस्पताल जुड़ चुके हैं योजना से
मंत्री ने बताया कि राज्य में फिलहाल 1173 अस्पताल आयुष्मान (Ayushman Card) योजना में सूचीबद्ध हैं, जिनमें से 587 निजी और 586 सरकारी अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है।
3 करोड़ 75 लाख लोगों को मिला आयुष्मान कार्ड
उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 3.75 करोड़ आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) बनाए जा चुके हैं, लेकिन और अधिक लोगों तक योजना पहुंच सके, इसके लिए 26 से 28 मई तक एक विशेष तीन दिवसीय अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान गांव, पंचायत और प्रखंड स्तर पर सक्रिय रूप से चलेगा।
“हर व्यक्ति को मिलनी चाहिए स्वास्थ्य सुरक्षा” – स्वास्थ्य सचिव
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत (Ayushman Card) सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि यह एक नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि यह यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम की तरह काम करती है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ पैसों की कमी की वजह से इलाज से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ अस्पतालों द्वारा फ्रॉड की घटनाएं सामने आई हैं, जो चिंता का विषय हैं। इसके लिए सरकार ने फ्रॉड डिटेक्शन की मजबूत व्यवस्था लागू की है।
अस्पतालों को दिया गया दिशा-निर्देश
बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक शेखर सिन्हा ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि राज्य के हर नागरिक को बिना किसी खर्च के (Ayushman Card) बेहतर इलाज मिल सके। इसके लिए अस्पतालों को ईमानदारी और जिम्मेदारी से काम करना होगा। कार्यशाला में अस्पतालों को नई प्रक्रियाएं, तकनीकी पहलू और मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने की विधियों की जानकारी दी गई।
कार्यशाला में मौजूद रहे कई अधिकारी
इस राज्यस्तरीय कार्यशाला में स्वास्थ्य सचिव मनोज कुमार सिंह, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत, अपर सचिव आदित्य प्रकाश, मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह और अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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