Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर अब बिहार की सियासत पूरी तरह से गर्माई हुई नजर आ रही है. टिकट पाने के लिए नेता पाला बदलने में बिल्कुल भी नहीं सोच रहे हैं. जदयू और राजद के कई नेता और विधायकों की अदला बदली देखने को मिल रही है.
इसी बीच देखा जाए तो नीतीश कुमार ने एक बहुत बड़ा कदम उठाते हुए 24 घंटे के अंदर ही अपने एक कद्दावर नेता को पार्टी में वापस लाने का काम किया है, जिन्होंने राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया था, लेकिन अब इस नेता की वापसी के बाद नीतीश कुमार ने पार्टी का संतुलन बरकरार रखा है.
Bihar Chunav 2025: इस नेता को नीतीश कुमार ने पार्टी में किया शामिल
हम यहां जिस नेता की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं पूर्व सांसद डॉक्टर अरुण कुमार है, जिन्होंने फिर से जनता दल यूनाइटेड में वापसी कर ली है. इसके लिए जदयू कार्यालय में उनके स्वागत के लिए एक विशेष मिलन समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. एक तरफ देखा जाए तो राष्ट्रीय जनता दल जदयू के कई प्रभावशाली नेता को अपने पाले में जोड़ने का काम कर रहे हैं
लेकिन नीतीश कुमार ने मात्र 24 घंटे के अंदर राजद को बहुत बड़ा झटका दिया है और अपने पुराने सिपाही को वापस लाने का काम किया है. अरुण कुमार एक ऐसे नेता माने जाते हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर में समता पार्टी से लेकर जनता दल यूनाइटेड, कांग्रेस, हम, लोजपा (रामविलास) और बसपा तक चुनावी सफर तय किया है और दो बार सांसद भी रहे.
संतोष कुशवाहा ने थामा आरजेडी का दमन
इससे पहले देखा गया कि सीमांचल के प्रभावशाली नेता और जदयू के पूर्व सांसद संतोश कुशवाहा ने पार्टी छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी, जहां धमदाहा विधानसभा सीट से जदयू की मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ वह चुनावी मैदान में राजद से उतर सकते हैं. कुशवाहा समाज में संतोष कुशवाहा की मजबूत पकड़ होने के कारण तेजस्वी यादव ने उन्हें तुरंत अपने पाले में लाने की योजना बनाई.
2014 और 2019 में संतोष कुशवाहा पूर्णिया से जदयू के सांसद रह चुके हैं और सीमांचल में उनकी काफी अच्छी पकड़ है. हालांकि इस नुकसान की भरपाई तो नहीं हो पाई है लेकिन भूमिहार समाज के प्रभावशाली चेहरे अरुण कुमार की पार्टी में वापसी कर कर नीतीश कुमार ने थोड़ी बहुत लाज जरूर बचा ली है.