Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच भोजपुर जिले से आई एक खबर ने पूरे राज्य में चर्चा छेड़ दी है। अगिआंव विधानसभा क्षेत्र के कुसुम्ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय स्थित बूथ संख्या 175 पर ग्रामीणों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दूरी बना ली। सुबह से मतदान जारी था, लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी यहां सिर्फ़ तीन वोट ही पड़े।
Bihar Election 2025: ग्रामीणों का ऐलान
ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से मतदान का बहिष्कार किया। उनका कहना है “गांव में सड़क नहीं है, नालियां टूटी हुई हैं, बारिश में कीचड़ भर जाता है। नेताओं ने हर बार वादा किया लेकिन कोई काम नहीं हुआ। अब जब तक सड़क नहीं बनेगी, तब तक वोट भी नहीं देंगे।” यह विरोध नारा सिर्फ़ स्थानीय असंतोष नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक सख्त संदेश है कि जनता अब सिर्फ़ वादे नहीं, काम का सबूत चाहती है।
प्रशासन ने की समझाने की कोशिश, ग्रामीण नहीं माने
जैसे ही मतदान बहिष्कार की जानकारी प्रशासन को मिली, अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। एसडीओ, बीडीओ और स्थानीय पुलिस अधिकारी ने ग्रामीणों से बातचीत की और विकास कार्यों का आश्वासन दिया। लेकिन ग्रामीणों ने साफ़ कहा “हमने बहुत बार सुना है कि सड़क बनेगी, पर आज तक कुछ नहीं हुआ। इस बार झूठे वादों में नहीं आएंगे।” कई घंटों की बातचीत के बाद भी ग्रामीणों ने अपने निर्णय में कोई बदलाव नहीं किया।
कुसुम्ही की नाराज़गी – सियासत के लिए एक चेतावनी
कुसुम्ही गांव की ये तस्वीर सिर्फ़ एक गांव की कहानी नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक दलों के लिए चेतावनी है। अब जनता नेताओं की लोकप्रियता या पार्टी के नाम पर नहीं, बल्कि विकास और जवाबदेही के आधार पर फैसला कर रही है। यह घटना दिखाती है कि जनता अब “भाषण और घोषणा” से आगे बढ़कर वास्तविक कार्य को प्राथमिकता दे रही है। कुसुम्ही के ग्रामीणों ने वोट नहीं डाला, लेकिन अपनी आवाज़ ज़रूर बुलंद की।
‘वोट नहीं, आवाज़ उठाई’ – लोकतंत्र की नई परिभाषा
इस घटना ने लोकतंत्र को एक नया अर्थ दिया है। वोट डालना लोकतंत्र की ताकत है, लेकिन जब जनता मतदान से दूरी बनाती है, तो यह जवाबदेही की मांग का संकेत है। “कुसुम्ही के लोगों ने कहा — हम वोट नहीं डालेंगे, क्योंकि विकास नहीं दिखा। नेताओं के लिए यह आत्ममंथन का समय है कि आखिर जनता का विश्वास क्यों टूटा।”
निर्वाचन आयोग की अपील – हर वोट अनमोल है
वहीं निर्वाचन आयोग की ओर से लगातार अपील की जा रही है कि “हर मतदाता अपने वोट के अधिकार का प्रयोग करे, क्योंकि हर वोट अनमोल है और लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत जनता का वोट ही है।” हालांकि कुसुम्ही के ग्रामीणों का कहना है कि उनका बहिष्कार भी एक लोकतांत्रिक आवाज़ है — जो विकास की मांग के रूप में सामने आई है।
Bihar Election 2025: पहले चरण का मतदान जारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में आज 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हो रहा है। सुबह से ही मतदाताओं की भीड़ मतदान केंद्रों पर दिखी, लेकिन भोजपुर के कुसुम्ही गांव का बहिष्कार इस लोकतांत्रिक उत्सव के बीच एक अलग तस्वीर पेश कर रहा है।
जनता का धैर्य टूट रहा है, नेताओं को करना होगा आत्ममंथन
कुसुम्ही की घटना यह बताती है कि जनता अब सिर्फ़ वादे नहीं, विकास का परिणाम चाहती है। नेताओं को समझना होगा कि हर बार चुनाव के समय वादा कर देना पर्याप्त नहीं, जनता अब हक़ मांगना जानती है। यह विरोध शायद कुछ वोट कम कर दे, लेकिन इससे निकला संदेश बहुत बड़ा है “लोकतंत्र में अब जनता सिर्फ़ मतदाता नहीं, बल्कि जवाब मांगने वाली शक्ति बन चुकी है।”








