Bihar Election 2025: नीतीश कुमार ने चिराग पासवान की उम्मीदों पर फेरा पानी, सोनबरसा सीट पर फिर से अपने मंत्री पर जताया भरोसा

On: Tuesday, October 14, 2025 12:45 AM
Bihar Election 2025

Bihar Election 2025:  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए के अंदर सीट बंटवारे को लेकर एक बार फिर से खींचतान तेज हो गई है। खासकर सोनबरसा विधानसभा सीट पर जदयू और लोजपा (रामविलास) के बीच टकराव साफ नजर आने लगा है। पहले यह सीट लोजपा रामविलास के खाते में जाने की चर्चा थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिराग पासवान की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए इस सीट पर अपने भरोसेमंद मंत्री रत्नेश सदा को ही टिकट दे दिया है।

Bihar Election 2025:  सोनबरसा सीट पर एनडीए में बढ़ा घमासान

राजनीतिक गलियारों में सोमवार से यह चर्चा जोरों पर थी कि सोनबरसा सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में जाएगी। इसी आधार पर यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान को यहां से चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। दरअसल, रीना पासवान का इस क्षेत्र से जुड़ाव काफी पुराना रहा है और स्थानीय कार्यकर्ता भी उनके नाम पर उत्साहित थे।

लेकिन, देर शाम जदयू ने सभी अटकलों को खत्म कर दिया। पार्टी ने अपने वर्तमान विधायक और मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा को ही दोबारा सोनबरसा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके साथ ही यह साफ हो गया कि चिराग पासवान की इस सीट पर दावेदारी फिलहाल खत्म हो गई है।

रत्नेश सदा ने जताया नीतीश कुमार पर भरोसा

नामांकन की घोषणा के बाद मंत्री रत्नेश सदा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुझे शुरू से ही विश्वास था कि नीतीश कुमार मुझे नहीं छोड़ेंगे। मैंने न कभी किसी से दुश्मनी की और न ही किसी से निजी विरोध रखा है। मैं जनता की सेवा के लिए राजनीति में हूं और पार्टी का हर निर्णय मेरे लिए सर्वोपरि है।”

रत्नेश सदा पिछले तीन बार से लगातार सोनबरसा से विधायक रहे हैं और इलाके में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। जदयू नेतृत्व ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताते हुए एनडीए में स्पष्ट संदेश दिया है कि मौजूदा सीटों पर अपने मजबूत उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता दी जाएगी।

लोजपा रामविलास के लिए झटका

इस फैसले से चिराग पासवान की पार्टी को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि सोनबरसा को लेकर लोजपा (रामविलास) के खेमे में दिन भर खुशी का माहौल था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि रीना पासवान का नाम पार्टी की 29 संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल है। लेकिन जदयू के इस फैसले ने चिराग के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोनबरसा सीट पर यह फैसला एनडीए के अंदर की शक्ति-संतुलन को दर्शाता है, जहां नीतीश कुमार अभी भी निर्णय प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

सोनबरसा सीट को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब एनडीए के भीतर भविष्य की रणनीति का संकेत भी देता है। जहां एक तरफ जदयू अपने पुराने चेहरों को बनाए रखने में जुटा है, वहीं चिराग पासवान की पार्टी नए समीकरण तलाशने में लगी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि बिहार चुनाव 2025 में यह सियासी जंग किस दिशा में जाती है।

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