Bihar Elections 2025: मतदान से पहले चुनाव आयोग ने जारी की सख्त गाइडलाइंस, इन कामों पर पूरी तरह से रहेगी रोक

On: Tuesday, October 21, 2025 9:42 PM
Bihar Elections 2025

Bihar Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। राज्य में दो चरणों में मतदान होना तय हुआ है — पहला चरण 6 नवंबर 2025 (गुरुवार) को और दूसरा चरण 11 नवंबर 2025 (मंगलवार) को। वहीं, मतगणना 14 नवंबर 2025 को की जाएगी। इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए नई सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं। इन दिशा-निर्देशों का पालन सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और मीडिया संस्थानों के लिए अनिवार्य किया गया है।

Bihar Elections 2025: मतदान से एक दिन पहले और मतदान के दिन विज्ञापनों पर प्रतिबंध

निर्वाचन आयोग ने अपने नोटिफिकेशन में साफ कहा है कि मतदान से एक दिन पहले और मतदान के दिन किसी भी प्रकार का राजनीतिक विज्ञापन प्रिंट मीडिया में प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा, जब तक कि उसे मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) से पूर्व-स्वीकृति न मिल जाए।

इसका उद्देश्य है — मतदाताओं को झूठी या भ्रामक सूचनाओं से बचाना। मतदान से पहले किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव या प्रचार के प्रभाव को रोकना। आयोग ने इसे चुनावी पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम बताया है।

बिहार विधानसभा चुनाव की प्रमुख तिथियां

चरणतारीखविवरण
पहला चरण6 नवंबर 2025 (गुरुवार)पहले चरण की वोटिंग
दूसरा चरण11 नवंबर 2025 (मंगलवार)दूसरे चरण की वोटिंग
मतगणना14 नवंबर 2025 (शुक्रवार)वोटों की गिनती

इसके अलावा, आयोग ने बताया कि देश की आठ अन्य विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव इसी कार्यक्रम के तहत कराए जाएंगे।

MCMC से विज्ञापन की मंजूरी अनिवार्य

आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, यदि कोई राजनीतिक दल, उम्मीदवार या संगठन प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित करना चाहता है, तो उसे अपनी विज्ञापन सामग्री को पहले मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) को भेजना होगा। नियम के अनुसार आवेदन विज्ञापन की प्रस्तावित तिथि से कम से कम दो दिन पहले जमा करना होगा। समिति विज्ञापन की सामग्री की जांच करेगी और अनुमोदन (Approval) मिलने के बाद ही उसका प्रकाशन संभव होगा। बिना मंजूरी के प्रकाशित विज्ञापन को आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।

बिहार में किन तारीखों पर रहेगा विज्ञापन प्रतिबंध

निर्वाचन आयोग ने बिहार में दोनों चरणों के मतदान से पहले के दिन को ‘प्रतिबंधित दिवस’ घोषित किया है।

  • पहले चरण के लिए — 5 और 6 नवंबर 2025
  • दूसरे चरण के लिए — 10 और 11 नवंबर 2025

इन तारीखों पर किसी भी प्रकार का राजनीतिक विज्ञापन प्रिंट मीडिया में नहीं छप सकेगा, जब तक कि वह MCMC से प्रमाणित न हो।

क्यों जरूरी पड़ी ये सख्त गाइडलाइंस?

पिछले कुछ वर्षों में चुनावों के दौरान भ्रामक विज्ञापनों और झूठे प्रचार अभियानों की कई घटनाएं सामने आईं।
ऐसे मामलों में मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिशें की गईं, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठे। इसी वजह से आयोग ने इस बार गाइडलाइंस को और कठोर बनाया है ताकि — मतदान से पहले कोई भी गलत सूचना या प्रचार मतदाताओं को प्रभावित न करे। सभी दलों के लिए बराबर का मौका (Level Playing Field) सुनिश्चित हो। चुनावी माहौल में पारदर्शिता और शांति बनी रहे।

 सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी रखी जाएगी निगरानी

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब सिर्फ प्रिंट मीडिया ही नहीं, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर भी सख्त निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए विशेष साइबर मॉनिटरिंग टीमें बनाई गई हैं, जो यह सुनिश्चित करेंगी कि — कोई भी उम्मीदवार, दल या समर्थक आचार संहिता (Model Code of Conduct) का उल्लंघन न करे। सोशल मीडिया पर झूठे या भड़काऊ पोस्ट, वीडियो या विज्ञापन तुरंत हटाए जाएं। चुनावी खर्च की सीमा का पालन हो। आयोग का कहना है कि डिजिटल प्रचार अब चुनाव का अहम हिस्सा बन गया है, इसलिए उसकी रियल-टाइम मॉनिटरिंग जरूरी है।

आयोग का संदेश – “मतदाता का अधिकार सर्वोपरि”

भारत निर्वाचन आयोग ने अपने बयान में कहा “हमारा मकसद यह सुनिश्चित करना है कि हर मतदाता निष्पक्ष माहौल में, बिना किसी भ्रम या दबाव के, अपने मतदान अधिकार का प्रयोग कर सके। गलत सूचनाओं और झूठे विज्ञापनों से लोकतंत्र की साख को नुकसान पहुंचता है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” इस बयान से स्पष्ट है कि आयोग इस बार कठोर निगरानी और पारदर्शी प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।

राजनीतिक दलों को सतर्क रहने की सलाह

आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मीडिया संस्थानों को आगाह किया है कि वे इन गाइडलाइंस का उल्लंघन न करें। उल्लंघन की स्थिति में विज्ञापन प्रकाशन रोक दिया जाएगा, उम्मीदवार पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है, और मीडिया संस्थान के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई संभव है।

पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव की ओर कदम

Bihar Elections 2025 को लेकर चुनाव आयोग की नई गाइडलाइंस यह संकेत देती हैं कि इस बार आयोग किसी भी प्रकार की लापरवाही या आचार संहिता उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा। मतदान से एक दिन पहले राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगाकर आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि मतदाता का निर्णय पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष हो। इन सख्त दिशानिर्देशों के साथ उम्मीद की जा रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 एक शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया साबित होगा।

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