Bihar Government: बिहार सरकार का अकाउंट हुआ फ्रिज, CM से लेकर मंत्री- विधायक का फंसा है बिल

Bihar Government: नए साल की शुरुआत होने के साथ ही 3 जनवरी से बिहार सरकार ने वेतन बिल के भुगतान के लिए नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है लेकिन लॉन्चिंग के साथ ही इसमें किसी तरह की कोई तकनीकी खराबी आ गई है जो आज 20 दिन के बाद भी नहीं ठीक हो पाई है. इससे बिल और सैलरी फंस चुकी है.

आपको बता दे कि बिहार सरकार (Bihar Government) का वित्तीय कामकाज कंप्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम से किया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 2019 में हुई थी लेकिन अब इसके अपडेट वर्जन में समस्या आ गई है जिस कारण बिहार सरकार का अकाउंट फ्रीज हो गया है. इस परेशानी के कारण किसी तरह का कोई लेनदेन नहीं हो पा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार से लेकर अन्य मंत्री और विधायकों तक का बिल फंसा हुआ है.

Bihar Government: 8 लाख कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी

बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर बड़े-बड़े नेता के साथ करीब आठ लाख कर्मचारियों को अभी तक सैलरी नहीं मिली है. इसे लेकर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा है कि दूसरे वर्जन की शुरुआत होने के बाद कुछ खराबी आ गई है जिस कारण कुछ बिल रूके हैं और एक सप्ताह में सब ठीक हो जाएगा. पिछली बार जब ऐसा हुआ था तो इसे ठीक होने में 3 महीने लगे थे.

आपको बता दे कि इस तकनीकी खराबी के कारण नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी, पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा, श्रवण कुमार का बिल अटक गया है. इसके साथ ही कई अन्य मंत्री भी शामिल है जिनका ट्रैवल बिल फंसा हुआ है. बिहार (Bihar Government) के कई सीनियर आईएएस/ आईपीएस अफसरों को ट्रैवल बिल नहीं मिला है. इसकी जद में खास कर दिसंबर में बिहार के बाहर जाने वाले अफसर हैं जिसमें कई विभागों के अपर मुख्य सचिव भी शामिल है.

जानिए कैसे काम करती है CFMS

आपको बता दे कि केंद्र सरकार के सख्त होने के बाद बिहार सरकार (Bihar Government) ने 3 जनवरी 2025 को नया वर्जन लॉन्च किया था. दरअसल केंद्र ने नया वर्जन नहीं होने के कारण अपने हिस्से वाले फंड को नहीं दिया था जिस कारण राज्य सरकार ने आनन फानन में यह फैसला लिया. वित्त विभाग ने इसे लेकर दावा किया है कि नई व्यवस्था अगले 4 दिन में ठीक हो जाएगी. धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर का अपग्रेड वर्जन रन कर रहा है.

आपको बता दे कि जो सीएफएमएस है उसके तहत बिल और वेतन बनाने वाले कर्मचारियों को हर महीने की 20 तारीख को अपसेंटी भेजी जाती है. इसके अलावा बिल चेक करने वाला इसे चेक करता है और आगे बढ़ा देता है फिर ओटीपी के साथ बिल को अप्रूव किया जाता है. इसके बाद अप्रूवल के लिए आरबीआई के पास इसे भेजा जाता है. वहीं से संबंधित खातेधारी के खाते में मनी ट्रांसफर होता है.

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