Train Viral Video: सोशल मीडिया पर इन दिनों बिहार की एक महिला शिक्षिका का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह ट्रेन के AC कोच में बिना टिकट सफर करती नजर आ रही हैं। वीडियो में टीटीई (TTE) से उनकी जमकर बहस होती दिख रही है। यह घटना बिहार के एक प्रमुख रेलवे स्टेशन की बताई जा रही है।
Train Viral Video: वीडियो में क्या है?
वायरल वीडियो में एक महिला टीचर ट्रेन के AC कोच में बैठी दिखाई देती हैं। जब टिकट चेकर उनके पास आता है और टिकट दिखाने को कहता है, तो महिला कहती हैं “आप मुझे परेशान कर रहे हैं, मैं सरकारी टीचर हूँ।” इसके बाद दोनों के बीच नोकझोंक बढ़ जाती है। टीटीई जब वीडियो रिकॉर्ड करने लगता है तो महिला उस पर नाराज़ हो जाती हैं और उसका मोबाइल छीनने की कोशिश करती नजर आती हैं। यह पूरा वाकया यात्रियों के बीच चर्चा का विषय बन जाता है।
टीचर ने टिकट न होने की बात स्वीकार करने के बजाय TTE पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद महिला ने अपने पिता और कुछ रिश्तेदारों को स्टेशन बुला लिया। मौके पर विवाद इतना बढ़ गया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को बीच-बचाव करना पड़ा। बाद में रेलवे अधिकारियों ने महिला पर ₹990 का जुर्माना लगाया और चेतावनी देकर छोड़ दिया।
रेलवे का बयान
रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों को ट्रेन में सफर करने से पहले वैध टिकट रखना जरूरी है। अगर कोई बिना टिकट पकड़ा जाता है तो रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई होती है। रेलवे टिकट चेकिंग एसोसिएशन ने कहा “TTE ने अपना काम किया। ऐसे यात्रियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के विवाद न हों।”
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों की प्रतिक्रियाएँ लगातार आ रही हैं। कुछ लोगों ने टीचर के व्यवहार की आलोचना की है तो कुछ ने कहा कि मामला इतना बड़ा नहीं था जितना सोशल मीडिया पर दिखाया जा रहा है। हालांकि, ज्यादातर यूजर्स ने कहा कि एक सरकारी शिक्षिका से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती।
टीचर की पहचान और विभागीय कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला का नाम खुशबू मिश्रा (Khushboo Mishra) बताया जा रहा है जो बिहार के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। वायरल वीडियो के बाद शिक्षा विभाग ने उनसे स्पष्टीकरण (Show Cause Notice) मांगा है और अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
यह कोई नई बात नहीं
बिहार में अक्सर देखा जाता है कि कुछ सरकारी नौकरी से जुड़े लोग, खासकर जो रोज़ाना लोकल ड्यूटी करते हैं, बिना वैध टिकट या बिना रिज़र्वेशन के AC या विशेष कोचों में बैठ जाते हैं। इस वजह से उन कोचों के असली टिकट धारक यात्रियों को असुविधा उठानी पड़ती है। कई बार विरोध करने पर धमकियाँ या मार-पीट जैसी बातें भी सामने आयी हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए सिर्फ़ जुर्माना ही पर्याप्त नहीं है — रेलवे प्रशासन को नियमों का सख़्ती से पालन कराना चाहिए, टिकट निरीक्षण को और भी प्रभावी बनाना चाहिए और जहाँ जरूरत हो वहां CCTV, RPF की तैनाती और सख़्त दंड व्यवस्था लागू करनी चाहिए ताकि सभी यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित हो सके।