Bihar Vidhansabha Chunav 2025 Phase 1 Voting: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का महायुद्ध आज से शुरू हो गया है। पहले चरण में राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। सुबह से ही बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें दिख रही हैं। लोकतंत्र के इस पर्व में बिहार के मतदाता बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
यह चरण न सिर्फ राजनीतिक दलों के लिए बल्कि कई दिग्गज नेताओं की साख का भी इम्तिहान है। दो डिप्टी सीएम, कई मंत्री और हाई-प्रोफाइल चेहरे इस फेज में मैदान में हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प बन गया है।
Bihar Vidhansabha Chunav 2025 Phase 1 Voting: किन जिलों में हो रहा मतदान
पहले चरण में जिन जिलों में वोट डाले जा रहे हैं, वे हैं — सीवान, गोपालगंज, सारण, भोजपुर, बक्सर, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा और नालंदा। इन जिलों में कई सीटें ऐसी हैं जहां 2020 के चुनाव में एनडीए का दबदबा था, जबकि कुछ सीटों पर महागठबंधन ने मजबूत वापसी की थी। इस बार दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।
हाई-प्रोफाइल सीटों पर टिकी निगाहें
इस चरण में तारापुर, अलीनगर, सरायरंजन, मोकामा और लखीसराय जैसी सीटें खास चर्चा में हैं।
- तारापुर में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी मैदान में हैं, जहां उनका मुकाबला राजद के अरुण कुमार से है।
- लखीसराय से एक और डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा चुनावी रण में हैं, जहां कांग्रेस के अमरेश कुमार उन्हें चुनौती दे रहे हैं।
- वहीं अलीनगर सीट पर लोकगायिका मैथिली ठाकुर की एंट्री ने पूरे प्रदेश का ध्यान इस सीट पर केंद्रित कर दिया है।
पटना प्रमंडल – 14 सीटों की बड़ी परीक्षा
पटना प्रमंडल में कुल 14 सीटें हैं। 2020 में इनमें से 9 सीटें एनडीए और 5 सीटें महागठबंधन के पास थीं। इस बार बीजेपी के सिद्धार्थ गौतम के मैदान में आने से कुछ सीटों पर मुकाबला और दिलचस्प बन गया है। एनडीए को भरोसा है कि केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाएं इस प्रमंडल में उन्हें बढ़त दिला सकती हैं।
दरभंगा प्रमंडल – चार बड़े मुकाबले
दरभंगा की 10 सीटों में से 9 सीटें पिछली बार एनडीए ने जीती थीं। इस बार यहां मुकाबला और भी रोमांचक है।
- जाले सीट: मंत्री जीवेश मिश्रा (भाजपा) बनाम ऋषि मिश्रा (कांग्रेस)
- दरभंगा शहरी: मंत्री संजय सरावगी (भाजपा) बनाम आर.के. मिश्रा (जन सुराज)
- बहादुरपुर: मंत्री मदन सहनी (जदयू) बनाम भोला यादव (राजद)
- अलीनगर: लोकगायिका मैथिली ठाकुर की उम्मीदवारी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि महिला मतदाता इस क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, और यह वर्ग अब भी एनडीए की ओर झुका हुआ माना जा रहा है।
समस्तीपुर में सरायरंजन और उजियारपुर पर फोकस
समस्तीपुर जिले की दो सीटें – सरायरंजन और उजियारपुर – सबसे दिलचस्प मानी जा रही हैं।
- सरायरंजन: मंत्री विजय चौधरी (जदयू) बनाम अरविंद साहनी (राजद)
- उजियारपुर: आलोक मेहता (राजद) बनाम प्रशांत पंकज (राष्ट्रीय लोक मोर्चा)
महागठबंधन में मुकेश सहनी की वापसी से मल्लाह वोट में हलचल जरूर हुई है, परंतु महिला और युवा वोटर अब भी एनडीए के लिए मजबूती का आधार माने जा रहे हैं।
मधेपुरा और सहरसा – परंपरा बनाम परिवर्तन
मधेपुरा और सहरसा की सीटें हमेशा से राजनीतिक रूप से संवेदनशील रही हैं।
- मधेपुरा से पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर (राजद) का मुकाबला कविता कुमारी शाह (जदयू) से है।
- वहीं आलमनगर में जदयू के नरेन्द्र नारायण यादव फिर से मैदान में हैं।
यहां एनडीए के पुराने संगठनात्मक ढांचे और महिला वोटरों के समर्थन के कारण पलड़ा भारी बताया जा रहा है।
मुंगेर प्रमंडल – दो डिप्टी सीएम की प्रतिष्ठा दांव पर
मुंगेर प्रमंडल इस चुनाव का केंद्र बिंदु बन गया है, क्योंकि यहां दो डिप्टी सीएम मैदान में हैं।
- तारापुर: सम्राट चौधरी बनाम अरुण कुमार
- लखीसराय: विजय कुमार सिन्हा बनाम अमरेश कुमार
चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की सक्रियता से एनडीए को सामाजिक समीकरण साधने में मदद मिल रही है। इधर महागठबंधन ने यादव-भूमिहार समीकरण को सक्रिय करने की रणनीति बनाई है।
नालंदा – नीतीश कुमार का अभेद्य किला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला नालंदा इस बार भी एनडीए के लिए सबसे मजबूत गढ़ माना जा रहा है। 2020 में यहां की 7 में से 6 सीटें एनडीए के पास थीं। महागठबंधन ने भूमिहार और मुस्लिम वोटों पर पकड़ बनाने के लिए नए उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन नीतीश का संगठनात्मक ढांचा अब भी मजबूत है।
महिला वोटर बने सियासत का ‘साइलेंट कार्ड’
2020 की तरह इस बार भी महिला वोटरों की भूमिका अहम है। सरकार की योजनाओं — जैसे मुख्यमंत्री साइकिल योजना, लाडली योजना और उज्जवला गैस योजना — ने महिलाओं में एनडीए के प्रति भरोसा मजबूत किया है। हालांकि, महागठबंधन इस वर्ग को ‘महंगाई और बेरोजगारी’ के मुद्दे पर लुभाने की कोशिश में है।
पहले चरण में किसका पलड़ा भारी?
विश्लेषकों का कहना है कि पहले चरण में अभी भी एनडीए की स्थिति मजबूत है, खासकर पटना, नालंदा और मुंगेर प्रमंडल में। हालांकि दरभंगा और समस्तीपुर जैसे जिलों में त्रिकोणीय मुकाबले से परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं। महिला वोटर, युवा वर्ग, और ग्रामीण मतदान प्रतिशत ही अंततः यह तय करेगा कि पहले चरण में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा।








