Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सत्ता की कुर्सी तक पहुँचने की इस जंग में एनडीए (NDA) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) दोनों ही खेमों में सीट बंटवारे को लेकर सियासी खींचतान तेज हो गई है। दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकों और मंथन का दौर जारी है, वहीं नेताओं को मनाने की कोशिशें भी लगातार चल रही हैं।
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: दिल्ली में एनडीए की मैराथन बैठक
शनिवार को दिल्ली में एनडीए की सबसे अहम बैठक बीजेपी के कोर ग्रुप की हुई, जो करीब 7 घंटे तक चली। इस बैठक में करीब 100 विधानसभा सीटों पर विस्तार से चर्चा की गई। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक के बाद जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से अलग-अलग मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं को सीट आवंटन को लेकर असंतोष है। पार्टी नेतृत्व अब इन नाराज़ नेताओं को मनाने में जुट गया है ताकि चुनाव से पहले कोई नकारात्मक संदेश न जाए।
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी, जेडीयू और चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) के बीच सीट बंटवारे पर लगभग सहमति बन चुकी है। हालांकि मांझी और कुशवाहा के रुख से गठबंधन के भीतर मतभेद की झलक साफ दिख रही है।
महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकशी
एनडीए की तरह महागठबंधन खेमे में भी सीट शेयरिंग की गुत्थी सुलझती नहीं दिख रही। पटना में आरजेडी की बड़ी बैठक में प्रत्याशियों और सीटों को लेकर लंबी चर्चा चली। पार्टी ने करीब 50 उम्मीदवारों को सिंबल देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिससे साफ है कि आरजेडी ने अपनी तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
इसी बीच, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव रविवार को दिल्ली जाकर राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति तेज करते हुए करीब 60 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम लगभग तय कर लिए हैं। इस मुलाकात को महागठबंधन की सीट फाइनल सूची तय करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
सीटों का गणित तय करेगा सत्ता का समीकरण
बिहार की राजनीति में इस बार सीटों का गणित ही सबसे बड़ा फैक्टर बन गया है। एनडीए के भीतर के असंतोष और महागठबंधन के अंदरूनी मतभेद ने दोनों गठबंधनों की राह मुश्किल कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 का चुनाव सिर्फ दलों की ताक़त नहीं, बल्कि नेतृत्व की रणनीति और समन्वय की परीक्षा भी साबित होने जा रहा है।
कौन किस खेमे में मजबूत?
गठबंधन | प्रमुख दल | संभावित सीटें | रणनीति |
एनडीए (NDA) | बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हम, आरएलजेपी | 243 सीटों में से लगभग 125-130 सीटों पर सहमति | दलों में तालमेल और असंतोष को संतुलित करना |
महागठबंधन (MGB) | आरजेडी, कांग्रेस, वामदल | लगभग 110-120 सीटों पर सहमति बनने की कोशिश | सीटों का अनुपात तय करने और उम्मीदवारों को फाइनल करने की रणनीति |
2025 का चुनाव: सियासी समीकरणों की बड़ी परीक्षा
2025 का बिहार विधानसभा चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हो सकता है। जहाँ एनडीए अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए पूरी ताक़त झोंक रहा है, वहीं महागठबंधन सत्ता में वापसी के लिए नई रणनीति पर काम कर रहा है। लालू-तेजस्वी की दिल्ली यात्रा और जेपी नड्डा की लम्बी बैठकें इस बात का संकेत हैं कि आने वाले दिनों में सियासी उठापटक और भी तेज़ होने वाली है।
बिहार की सियासत गर्म, जनता की नजर अंतिम गठबंधन पर
बिहार की जनता अब यह देखने के इंतजार में है कि आखिरकार सीटों का बंटवारा किस रूप में सामने आता है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही खेमे इस समय “मनाने और मंथन” के मोड में हैं। कौन किसके साथ रहेगा और कौन नाराज़ होकर अलग रास्ता चुनेगा, यही तय करेगा कि 2025 में सत्ता की कुर्सी किसके हाथ आएगी।