Maner: पटना जिले के मनेर नगर परिषद के वार्ड संख्या 6 स्थित रसूलपुर मोहल्ले में जलजमाव की समस्या ने विकराल रूप ले लिया है। बारिश और नाले की निकासी व्यवस्था ठप होने से सड़क गंदे पानी में डूब गई हैं। स्थिति यह है कि लोगों को घर से बाहर निकलने में भी परेशानी हो रही है, वहीं बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन इस बार हालात और गंभीर इसलिए हो गए हैं क्योंकि नाले और सड़क का निर्माण कार्य महीनों पहले शुरू हुआ था, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के कारण अधूरा छोड़ दिया गया। अधूरे नाले और टूटी सड़कों की वजह से पानी की निकासी पूरी तरह रुक गई है, जिससे बारिश का पानी सड़कों पर भरकर कीचड़ और गंदगी फैला रहा है।
लोगों की परेशानियां बढ़ीं
रसूलपुर मोहल्ले के निवासी बताते हैं, सड़क और नाली का निर्माण कार्य 40 दिन पहले शुरू किया गया था लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के कारण काम पूरा नहीं हो सका और समस्या और बढ़ गई। काम की शुरुआत से हमें उम्मीद थी कि इस बार बारिश में जलजमाव की समस्या नहीं होगी, लेकिन काम अधूरा छोड़ने की वजह से हालात और खराब हो गए हैं। गंदे पानी में बच्चों को स्कूल जाना पड़ता है, जिससे डेंगू और अन्य बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।
जलजमाव की वजह से मोहल्ले में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी स्थिति में डेंगू, मलेरिया और जलजनित बीमारियों के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। लोग दवाओं का छिड़काव और सफाई अभियान की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यहाँ के लोगों की मुख्य मांगें, अधूरे पड़े नाले और सड़क के काम को तुरंत पूरा किया जाए। मोहल्ले में दवाओं का नियमित छिड़काव कर मच्छरों का प्रकोप रोका जाए। ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त कर स्थायी समाधान निकाला जाए।
नगर परिषद और ठेकेदार पर सवाल
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि नगर परिषद और ठेकेदार की लापरवाही से ही हालात इतने बिगड़े हैं। मोहल्ले के बुजुर्ग निवासी रामलाल साह कहते हैं, हर साल बरसात में यही समस्या होती है, लेकिन इस बार अधूरे नाले और सड़क के कारण पानी का बहाव पूरी तरह रुक गया है। नगर परिषद के अधिकारी मौके का निरीक्षण तक नहीं कर रहे हैं। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इस पूरे मामले पर अब तक नगर परिषद या ठेकेदार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर चुप हो जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता।
रसूलपुर मोहल्ले में जलजमाव की समस्या केवल प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम नहीं, बल्कि ठेकेदार की गैर-जिम्मेदारी का भी नतीजा है। गंदगी और जलभराव से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यदि नगर परिषद और स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यहां डेंगू और अन्य बीमारियों का प्रकोप फैलना तय है।
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