Ritlal Yadav: राजनीति के रंगमंच पर बाहुबली रीतलाल यादव की दबंग छवि,एक विधायक, कई विवाद

On: Saturday, April 12, 2025 12:18 PM
Ritlal Yadav

Ritlal Yadav: बिहार के बाहुबलियों की लिस्ट में एक नाम रीतलाल यादव का भी है। वर्तमान में यह दानापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। और इनके ऊपर लगे आरोपों के कारण लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से उनकी नजदीकियां ज्यादा होने की वजह से भी रीतलाल यादव लाइमलाइट में रहते हैं। पटना पुलिस के द्वारा एक के बाद एक इनके 11 ठिकाना पर छापेमारी की गई। जिसकी वजह से रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) फिर से एक बार चर्चा में आ गए हैं। शुक्रवार को रंगदारी से जुड़े मामले को लेकर पटना पुलिस के द्वारा छापेमारी की गई। और इस बारे में पटना पुलिस ने डिटेल जानकारी भी साझा की है।

बिल्डर की शिकायत पर रीतलाल यादव पर FIR

आपको बता दे की पुलिस के अनुसार बिल्डर कुमार गौरव ने रीतलाल यादव के विरुद्ध खगौल थाना में लिखित आवेदन दिया था। जिसमें उन्होंने रंगदारी की मांग का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) पर विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर यह कार्रवाई की गई है। आपको बता दे की पहले रीतलाल यादव के विरुद्ध सर्च वारंट लिया गया। और कोर्ट से वारंट मिलने के बाद पटना पुलिस ने रीतलाल यादव के लगभग 11 ठिकानों पर छापेमारी की।

बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से यह बताया गया है कि उनके विरुद्ध अनुसंधान जारी है। ऐसे में हम जानते हैं की रीत लाल यादव कौन है, इनका राजनीतिक रसूल कैसा है, और आपराधिक रिकॉर्ड क्या है।

रीतलाल यादव की विवादित पृष्ठभूमि

राजद विधायक रीतलाल यादव तब ज्यादा सुर्खियों में आए थे जब उन पर भाजपा नेता सत्यनारायण सिंह की हत्या के आरोप लगे थे। इसके बाद वह और सुर्खियों में आए जब बख्तियारपुर में चलती ट्रेन में दो रेलवे ठेकेदारों की हत्या कर दी गई थी। आपराधिक छवि और लाइमलाइट में आई जब रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) पर छठ के दिन अपने एक विरोधी चुन्नू सिंह की हत्या का आरोप लगा। वर्तमान में भी इन पर कई केस चल रहे हैं।

हालांकि अभी रीतलाल यादव जेल से बाहर हैं क्योंकि बीते 14 मई 2024 को पटना के एमपी एमएलए कोर्ट ने रीतलाल यादव को सत्यनारायण सिंहा हत्याकांड से बड़ी कर दिया था। इस मामले को लेकर सत्यनारायण सिंहा की पत्नी और दानापुर विधानसभा के पूर्व विधायक आशा देवी के द्वारा पटना हाई कोर्ट में एक अपील दायर की गई थी। और निचली अदालत से बड़ी होने के निर्णय को चुनौती दी थी। आशा देवी के अपील पर पटना हाईकोर्ट ने इनको नोटिस भी जारी किया है।

सत्यनारायण सिंहा हत्याकांड का रीतलाल यादव पर लगा था आरोप

आपको बता दे की बाहुबली छवि वाले रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) पर भाजपा के नेता सत्यनारायण सिंहा की हत्या के आरोप लगे थे। यह घटना 30 अप्रैल 2003 की थी जब पटना के गांधी मैदान में लालू प्रसाद यादव की ‘तेल पिलावन, लाठी घुमावन’ रैली का आयोजन किया गया था। इस दौरान खगौल के जमालुद्दीन चौक के पास आशा देवी के पति सत्यनारायण सिंहा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी‌। जिसका आरोप रीतलाल यादव पर लगा था। जिसको लेकर कई सालों तक केस चलने के बाद निचली अदालत में उनका बड़ी कर दिया। लेकिन इसकी सुनवाई अब पटना हाईकोर्ट में चल रही है।

रीतलाल यादव का राजनीतिक सफर

आपको यह भी बता दे की रीतलाल यादव का इतना रसूक था कि पुलिस पकड़ नहीं सकी थी। इसके बाद वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव से पहले उसने सरेंडर किया था। सरेंडर करने का मुख्य कारण था कि वह चुनाव लड़ना चाहते थे और उन्होंने जेल से ही निर्दलीय का चुनाव पर्चा भरा था। उस समय भी उनके खिलाफ सत्यनारायण सिंहा की पत्नी आशा देवी चुनाव लड़ी थी। और इस चुनाव में रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) की हार हुई थी। उसके बाद वर्ष 2020 के चुनाव में रीतलाल यादव ने आशा देवी को हरा दिया और अभी वह विधायक हैं।

बिल्डर को धमकी, रंगदारी की मांग

आपको बता दे कि शुक्रवार को हुई रेड के पीछे का मामला रंगदारी का है। पटना पुलिस के अनुसार पुनाईचक निवासी बिल्डर कुमार गौरव ने शिकायत की है कि रीतलाल के गांव कोथवां में उनके द्वारा अपार्टमेंट निर्माण कार्य चल रहा है। रीतलाल और उनके सहयोगियों ने बिल्डर से रंगदारी मांगी है और जान से मारने की धमकी भी दी है। इसी के आधार पर पुलिस ने विधायक के साथ उनके पार्टनर पर यह कार्रवाई की है। इस छापेमारी की शुरुआत दानापुर के कोथवां स्थित रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) के आवास से हुई। और अभियंता नगर समेत अन्य ठिकानों पर भी तलाशी अभियान चलाया गया।

200 पुलिस, दर्जनों गाड़ियाँ, ड्रोन से पहरा

आपको बता दे की दर्जनों गाड़ियों पर सवार होकर 200 पुलिस बल के साथ विधायक आवास पर छापेमारी की गई। पुलिस के द्वारा आवास को चारों तरफ से घेरने के बाद तलाशी शुरू की गई। पुलिस के द्वारा ड्रोन कैमरा का भी इस्तेमाल किया गया जिससे पूरे क्षेत्र पर आसमान से नजर रखी जा सके। रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) के द्वारा एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया गया कि चुनाव से पहले 1000 पुलिस बिना सर्च वारंट और बिना सूचना के छापेमारी करने पहुंच गई। मुझे और मेरे परिजनों को परेशान किया जा रहा है।

परिवार पर भी अपराधों की परछाई

रीतलाल ही नहीं उनके परिजनों पर आपराधिक आरोप है। आपको बता दे की हाल ही में पटना एम्स के सिक्योरिटी ऑफिसर पर जानलेवा हमले के आरोप में रीत लाल यादव (Ritlal Yadav) के भाई पिंटू यादव के घर पर पुलिस ने नोट इस चिपकाए थे। इस घटना के बाद से ही पिंकू यादव फरार था। गौरतलब है कि दानापुर के राजद विधायक रीतलाल यादव का नाम लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों और अवैध कारोबार से जुड़ा रहा है।

रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) 1990 के दशक से ही क्षेत्र में दबंगई और अवैध बालू खनन के लिए कुख्यात रहे हैं। सोन और गंगा नदीयों में होने वाले बालू खनन पर इनका व्यापक नियंत्रण बताया जाता है। स्थानीय लोगों की माने तो क्षेत्र में कोई भी बड़ा काम उनकी मर्जी के बिना नहीं होता है।

ED की जांच, बेनामी संपत्ति और हथियार बरामदगी

इतना ही नहीं रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामलों की जांच करते हुए कई बेनामी संपत्तियों जप्त की हैं। जिनकी वैध कमाई का कोई स्रोत नहीं मिला है। पुलिस ने उनके घर पर छापेमारी कर 11 लख रुपए नगद, नोट गिनने की मशीन, पुराने स्टांप पेपर, जमीन के दस्तावेज और तीन बंदूक बरामद की। कुल मिलाकर रीतलाल यादव और उनके परिवार राजनीति के साथ-साथ कई आपराधिक और अवैध गतिविधियों में संयुक्त रहा है। जिसकी वजह से उनका नाम अक्सर विवादों में रहता है।

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