Duronto Express: दुरंतो एक्सप्रेस में फिल्मी स्टाइल में चोरी, पांच कोचों के यात्रियों के मोबाइल, लैपटॉप और बैग उड़ाए गए

On: Friday, June 27, 2025 12:56 PM
Duronto Express

Duronto Express: नई दिल्ली से भुवनेश्वर जा रही दुरंतो एक्सप्रेस में बीती रात (26 जून की देर रात) एक बड़ी और सुनियोजित चोरी की वारदात हुई। यह घटना डीडीयू-गया रेलखंड के परैया और कष्ठा स्टेशन के बीच रात करीब 2 बजे अंजाम दी गई। अपराधियों ने ट्रेन के पांच कोचों को टारगेट करते हुए दर्जनों यात्रियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्स और बैग चोरी कर लिए।

वैक्यूम ब्रेक से रोकी गई ट्रेन, अंधेरे का उठाया फायदा

चोरों ने ट्रेन को रोकने के लिए चेन पुलिंग या वैक्यूम ब्रेक प्रणाली का इस्तेमाल किया और जैसे ही ट्रेन निर्जन इलाके में रुकी, अंधेरे का फायदा उठाकर अपराधियों ने तेजी से चोरी की वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद ट्रेन लगभग 30 मिनट तक रुकी रही, जिससे यात्री भयभीत हो गए।

यह चोरी किसी साधारण अपराध की तरह नहीं थी, बल्कि पूरी तरह से प्लान की गई आपराधिक घटना थी। चोरों को न सिर्फ ट्रेन के रूट और टाइमिंग की जानकारी थी, बल्कि उन्होंने उस जगह को भी चुना जहाँ सुरक्षा का अभाव था। रात के समय, निर्जन लोकेशन और कम विजिबिलिटी का उन्होंने बखूबी फायदा उठाया।

रेलवे सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट, जांच शुरू

घटना की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और परैया थाना की स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। रेल डीएसपी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। ट्रेन से खाली बैग, बिखरा सामान और अन्य सुराग इकट्ठा किए गए हैं। रेलवे की ओर से मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

गौरतलब है कि इसी दुरंतो एक्सप्रेस में दो महीने पहले टनकुप्पा स्टेशन के पास भी चोरी की घटना हो चुकी है। लगातार हो रही इस तरह की घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि किसी संगठित गिरोह की संलिप्तता हो सकती है, जो रेलवे ट्रेनों को निशाना बना रहे हैं।

घटना के बाद यात्रियों में असुरक्षा और गहरी नाराजगी देखने को मिली। कई यात्रियों ने आरोप लगाया कि वारदात के समय कोई सुरक्षाकर्मी या टीटीई उनकी मदद के लिए नहीं आया। चोरी के साथ-साथ रात भर नींद न आने और मानसिक तनाव ने यात्रियों को परेशान कर दिया।

रेल प्रशासन से उठे सवाल

रेलवे प्रशासन के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती बन गई है। एक तरफ जहां यात्री खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों की मांग है कि रात्रिकालीन ट्रेनों में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और नियमित पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाए।

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