मुख्य बिंदु
EV Car: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। खासकर पिछले कुछ वर्षों में जब से पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छूने लगे हैं, तब से आम लोग भी अब बैटरी से चलने वाली कारों (EV Car) की ओर रुख करने लगे हैं। लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग इस दुविधा में हैं कि क्या बैटरी से चलने वाली कार खरीदना वाकई में फायदेमंद है या नहीं? क्या यह पेट्रोल-डीजल कारों का सही विकल्प बन सकती है? इस लेख में हम इन्हीं सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे, साथ ही यह भी समझेंगे कि बैटरी वाली कारों से क्या लाभ और हानि हो सकते हैं।
बैटरी से चलने वाली कारें कैसे काम करती हैं
बैटरी से चलने वाली कारों को हम इलेक्ट्रिक व्हीकल्स या EVs के नाम से भी जानते हैं। इनमें फ्यूल की जगह लिथियम-आयन बैटरी लगी होती है, जो एक इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देती है। यही मोटर गाड़ी को चलाने का काम करती है। इन गाड़ियों में गियर सिस्टम नहीं होता, जिससे ड्राइव करना आसान और स्मूद हो जाता है। एक बार फुल चार्ज करने पर ये (EV Car) गाड़ियाँ 200 से 500 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती हैं, जो कि मॉडल और बैटरी कैपेसिटी पर निर्भर करता है।
क्या इलेक्ट्रिक कार खरीदना फायदेमंद है
आज के समय में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, इलेक्ट्रिक कार एक दीर्घकालिक समाधान के रूप में उभर कर आई है। इन कारों (EV Car) की रनिंग कॉस्ट बेहद कम होती है – लगभग ₹1 प्रति किलोमीटर या उससे भी कम। वहीं पेट्रोल कारों की तुलना में इनका मेंटेनेंस भी काफी सस्ता होता है क्योंकि इसमें क्लच, इंजन ऑयल, गियर बॉक्स जैसी चीजें नहीं होतीं। अगर आप रोजाना 30–50 किलोमीटर ड्राइव करते हैं, तो इलेक्ट्रिक कार आपके लिए एक बहुत ही समझदारी भरा निवेश साबित हो सकती है।
बैटरी कार के फायदे – पर्यावरण और जेब दोनों के लिए बेहतर
बैटरी से चलने वाली कारें (EV Car) पर्यावरण के लिए एक वरदान जैसी हैं। इनमें न तो धुआं निकलता है, न ही कार्बन मोनोऑक्साइड या नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें। यही वजह है कि सरकार भी EVs को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी, टैक्स छूट और रजिस्ट्रेशन में राहत जैसी योजनाएं चला रही है। इसके अलावा, बैटरी कारें चलाने में बेहद शांत होती हैं, जिससे नॉइज़ पॉल्यूशन भी कम होता है।
इन गाड़ियों (EV Car) को घर पर ही चार्ज किया जा सकता है। अब तो कई कंपनियाँ तेज़ चार्जिंग तकनीक लेकर आ रही हैं, जिससे कार को 1 घंटे से भी कम समय में 80% तक चार्ज किया जा सकता है। लंबी दूरी तय करने के लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन अब भारत के प्रमुख शहरों और हाईवे पर तेजी से लगाए जा रहे हैं।
क्या इलेक्ट्रिक कारों में कुछ नुकसान भी हैं
जहाँ एक ओर बैटरी वाली कारें (EV Car) कई फायदे देती हैं, वहीं इनसे जुड़े कुछ व्यावहारिक और तकनीकी चैलेंज भी हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सबसे पहले बात करें कीमत की, तो EVs अभी भी पेट्रोल कारों की तुलना में महंगी हैं। एक एंट्री लेवल पेट्रोल कार ₹5–6 लाख में मिल जाती है, जबकि समान सेगमेंट की इलेक्ट्रिक कार ₹8–9 लाख से शुरू होती है।
दूसरा बड़ा सवाल है चार्जिंग की सुविधा। छोटे शहरों और गांवों में आज भी EV चार्जिंग स्टेशन की संख्या बहुत कम है। अगर आपकी गाड़ी लंबी (EV Car) दूरी तय करती है और रास्ते में चार्जिंग स्टेशन नहीं है, तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं।
तीसरी चिंता होती है बैटरी की लाइफ और रिप्लेसमेंट। इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी की लाइफ औसतन 6–8 साल होती है, लेकिन उसके बाद उसे बदलवाना काफी महंगा पड़ सकता है। हालांकि कई कंपनियाँ अब 8 साल की वारंटी दे रही हैं, लेकिन लंबे समय में बैटरी की डिग्रेडेशन को रोका नहीं जा सकता।
इसके अलावा, अत्यधिक गर्म या ठंडे मौसम में बैटरी की परफॉर्मेंस कम हो सकती है। भारत जैसे विविध जलवायु वाले देश में यह एक अहम फैक्टर है, खासकर जब आप पहाड़ी या रेगिस्तानी इलाकों में गाड़ी चलाते हैं।
कौन लोग EV खरीदने पर विचार करें
अगर आप शहर में रहते हैं और आपकी रोजाना की ड्राइविंग 50 किलोमीटर से कम है, तो बैटरी वाली कार (EV Car) आपके लिए एक आदर्श विकल्प है। यह आपकी जेब पर कम भार डालेगी और मेंटेनेंस भी कम होगा। खासकर ऑफिस जाने के लिए, बच्चों को स्कूल छोड़ने या वीकेंड ट्रिप्स के लिए यह बेहद सुविधाजनक है। लेकिन अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अक्सर लॉन्ग ड्राइव पर जाते हैं, हाईवे पर गाड़ी चलाते हैं या आपके इलाके में चार्जिंग की सुविधा नहीं है, तो आपको फिलहाल इलेक्ट्रिक कार लेने से पहले अच्छी रिसर्च करनी चाहिए।
EV खरीदें या नहीं?
बैटरी से चलने वाली कारें भारत के ऑटोमोबाइल भविष्य का एक मजबूत स्तंभ बनने जा रही हैं। इनका संचालन सस्ता है, रख-रखाव कम है और ये पर्यावरण के लिए भी अनुकूल हैं। अगर आप एक जागरूक नागरिक हैं, जो पर्यावरण को लेकर गंभीर हैं और भविष्य की सोच रखते हैं, तो EV Car में निवेश करना एक समझदारी भरा फैसला होगा।
हालांकि, यह भी जरूरी है कि आप अपनी जरूरतों, बजट और इलाके के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर निर्णय लें। आने वाले 3–5 वर्षों में जैसे-जैसे EV टेक्नोलॉजी और चार्जिंग सुविधा बेहतर होगी, इनसे जुड़ी समस्याएं खुद-ब-खुद कम हो जाएंगी। अंततः यही कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रिक कार (EV Car) भविष्य की गाड़ी है – अगर आपकी जीवनशैली और लोकेशन इसके अनुकूल है, तो इसे अपनाने में कोई हर्ज नहीं।
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