Kakolat waterfall: बिहार का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, भारी बारिश के चलते अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। बुधवार रात और गुरुवार सुबह हुई तेज बारिश के कारण जलस्तर में अचानक वृद्धि हुई, जिससे (Kakolat waterfall) झरने की पारदर्शिता और पर्यावरण पर असर पड़ा है।
तेज बारिश से बढ़ा जलस्तर, झरने में बहा मलबा और गंदगी
गुरुवार सुबह जैसे ही बड़ी संख्या में पर्यटक ककोलत (Kakolat waterfall) पहुंचे, उन्हें बैरियर पर ही रोक दिया गया। वन विभाग ने स्थिति को देखते हुए पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए झरने को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया। बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों से मिट्टी, पेड़-पत्ते और प्लास्टिक कचरा झरने में आ गया, जिससे जलधारा मटमैली हो गई और स्नान करना असुरक्षित हो गया।
कुंड परिसर में भी बालू और कीचड़ जमने से स्नान की सुविधा प्रभावित हो गई है। इतना ही नहीं, जलप्रपात की ओर जाने वाले रास्ते में एक बड़ा पेड़ गिर गया, जिससे आवाजाही भी ठप हो गई है। इस कारण कई पर्यटक, खासकर परिवार और बच्चे मायूस होकर लौटते नजर आए।
वन विभाग सतर्क, जलधारा सामान्य होते ही खोला जाएगा स्थल
वन विभाग की टीम मौके पर तैनात है और हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है। वन अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही जलधारा सामान्य होगी और रास्ते से पेड़ हटाया जाएगा, कुंड की सफाई कर स्थल (Kakolat waterfall) को दोबारा खोला जाएगा।
प्राकृतिक पर्यटन स्थलों पर बारिश के मौसम में इस तरह की स्थितियां आम हो जाती हैं, लेकिन इससे यह भी स्पष्ट होता है कि ऐसी जगहों पर बेहतर व्यवस्था और सतर्कता बेहद जरूरी है। स्थानीय प्रशासन और पर्यटकों दोनों को ऐसे मौसम में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
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