Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान मोकामा विधानसभा सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद अब जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी नई मुश्किल में फंस गए हैं। दोनों नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
Bihar Election 2025: रोड शो में गाड़ियों की संख्या पर बवाल
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को मोकामा क्षेत्र में रोड शो के दौरान प्रशासन ने परमिशन से अधिक गाड़ियों के उपयोग का मामला दर्ज किया है। प्रशासन के अनुसार, कार्यक्रम के लिए सिर्फ 10 वाहनों की अनुमति दी गई थी, लेकिन 48 गाड़ियों का काफिला रोड शो में शामिल हुआ। पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि “आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में रोड शो के आयोजकों समेत दोनों नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। साथ ही बिना अनुमति वाली कई गाड़ियों को जब्त किया गया है।”
अनंत सिंह के प्रचार की कमान अब नेताओं के हाथ में
गौरतलब है कि मोकामा से जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह इस समय बेऊर जेल में बंद हैं। दुलारचंद यादव हत्या मामले में गिरफ्तारी के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनके प्रचार की जिम्मेदारी संभाली है। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सोमवार को मोकामा में रोड शो किया। दोनों नेता ओपन जिप्सी में सवार होकर पंडारक से मोकामा तक लगभग 30 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाले।
प्रशासन सख्त, चुनाव आयोग के आदेश का सख्ती से पालन
पटना जिला प्रशासन इस मामले में सख्त रुख अपनाए हुए है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि “आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो।”
इसी के तहत अब ललन सिंह और सम्राट चौधरी पर कार्रवाई हुई है। प्रशासन ने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दलों को प्रचार के दौरान आयोग की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है।
मोकामा सीट बनी सियासी हॉटस्पॉट
मोकामा सीट पहले से ही बिहार चुनाव का सबसे चर्चित क्षेत्र बन चुकी है। दुलारचंद यादव हत्या कांड के बाद अनंत सिंह की गिरफ्तारी और अब एनडीए नेताओं पर एफआईआर इन घटनाओं ने पूरे बिहार की सियासत को और गर्मा दिया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि प्रशासन की यह कार्रवाई चुनावी माहौल में बड़ा संदेश है कि कानून सबके लिए बराबर है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा एक बार फिर केंद्र बिंदु बन चुका है। जहाँ एक ओर राजद और महागठबंधन इस सीट को लेकर आक्रामक प्रचार कर रहे हैं, वहीं एनडीए के दिग्गज नेताओं की यह कार्रवाई चुनावी नैरेटिव को बदल सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि एफआईआर के बाद एनडीए की रणनीति क्या होती है और इसका असर मोकामा की सियासत पर कितना पड़ता है।
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