Mahakumbh Stampede : प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार 29 जनवरी को 30 श्रद्धालुओं की भगदड़ के कारण मौत हो गई है. जबकि 90 लोग घायल हैं. महाकुंभ डीआईजी वैभव कुमार ने बताया कि भगदड़ (Mahakumbh Stampede) में 30 लोगों की मौत हुई है. जिसमें 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है पांच की पहचान अभी नहीं हो पाई है. भगदड़ के कारण 90 लोग घायल हुए हैं जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
कैसे हुई भगदड़

मंगलवार की रात 10:00 बजे से ही प्रयागराज संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने ने लगी थी. प्रशासन के द्वारा बनाई गई योजना के अनुसार श्रद्धालुओं को स्नान के बाद आगे बढ़ाने की तैयारी थी. लेकिन श्रद्धालुओं के अंदर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने की इच्छा के कारण भीड़ रुकी नहीं. बैरिकेडिंग के किनारे कई श्रद्धालु सो रहे थे. धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने लगी. बुधवार सुबह 1:45 बजे से लेकर 2:00 बजे के बीच भीड़ (Mahakumbh Stampede) बेकाबू हो गई. और श्रद्धालु बैरिकेडिंग को तोड़कर संगम की ओर भागने लगे हैं. इसी दौरान बैरिकेडिंग से सटे सो रहे श्रद्धालुओं पर बैरिकेडिंग से कूदते हुए लोग गिर पड़े जिसके कारण भगदड़ मच गई.
महाकुंभ भगदड़ से जुड़ी प्रमुख बातें
मृतिक को 25-25 लाख आर्थिक सहायता का ऐलान
दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम मेले में पहले भी 1954, 1986, 2003, 2013 सहित कई भगदड़ें हुई हैं. इस साल हुई भगदड़ (Mahakumbh Stampede) में अब तक 30 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है की मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि ये हादसा हमारे लिए सबक है.
पीएम मोदी ने जताया शोक
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हम प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं.
श्रद्धालुओं के आवाजाही पर शख्ती
प्रयागराज में कुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान पर मची भगदड़ (Mahakumbh Stampede) और अव्यवस्था के कारण मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर श्रद्धालुओं की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए गए हैं. मध्य प्रदेश के रीवा जिले के चाकघाट थाना अंतर्गत यूपी-एमपी बॉर्डर पर हजारों श्रद्धालुओं की गाड़ियों को रोक दिया गया है.
हादसे की वजह बना 144 साल का दुर्लभ संयोग
महाकुंभ में 144 साल बाद अमावस्या स्नान शुभ मुहूर्त भगदड़ (Mahakumbh Stampede) की एक प्रमुख वजह बना. स्नान के लिए आए श्रद्धालु इसी मुहूर्त में स्नान करने के लिए घाट पर इकट्ठे होते गए. जिसकी वजह से भीड़ बढ़ती गई. भीड़ बढ़ने की वजह से प्रशासन भीड़ पर काबू पाने में असमर्थ रही और हादसा हो गया.
पुलिस प्रशासन की बयान आया सामने
डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि कुछ लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी. जिससे वहां सो रहे श्रद्धालु भीड़ में कुचल गए. डीआईजी ने बताया कि 29 जनवरी को वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं हुआ है और ना ही किसी अन्य दिन होगा.
प्रशासन द्वारा जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर
उत्तर प्रदेश प्रशासन के द्वारा 1920 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. इस हेल्पलाइन नंबर के द्वारा लोग अपने परिजनों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
योगी आदित्यनाथ ने रद्द की सभाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में होने वाली सभी सभाओं को रद्द कर दिया. और प्रयागराज जाने की योजना बनाई है. इस घटना (Mahakumbh Stampede) को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसकी न्यायिक जांच होगी. इसकी जांच के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है.
अखिलेश यादव के द्वारा अपील
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव फंसे हुए श्रद्धालुओं के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करने के लिए स्वयंसेवी संगठनों से अपील की है.
अब तक 6.99 करोड़ लोगों ने किया स्नान
प्रयागराज के महाकुंभ में हुए इस भयावह हादसे (Mahakumbh Stampede) के बाद भी लोगों की आस्था में कमी नहीं दिखी. बुधवार की शाम 6:00 बजे तक 6.99 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगा चुके थे. और इनके अलावा 10 लाख से ज्यादा कल्पवासी वहां ठहरे हुए हैं.
190 विशेष ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई
इस घटना के बाद उत्तर मध्य रेलवे सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि, “स्नान के बाद श्रद्धालुओं की एक बड़ी संख्या रेलवे परिसर की ओर आ रहे हैं. अब धीरे-धीरे भीड़ रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ रही है. जिसको मद्देनजर रखते हुए हमने दोपहर 12:00 बजे तक लगभग 50 उत्तर मध्य रेलवे, 13 उत्तर रेलवे और 20 पूर्वोत्तर रेलवे के माध्यम से कुल 80 से अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया है. रेलवे प्रशासन ने आज 190 विशेष ट्रेन चलाने की योजना बनाई है. ताकि लोगों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े.
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