Maithili Thakur: बिहार की सबसे युवा विधायक बनने की तैयारी में, दरभंगा या मधुबनी से मिल सकता है भाजपा का टिकट

On: Tuesday, October 7, 2025 11:59 PM
Maithili Thakur

Maithili Thakur: लोकगायिका मैथिली ठाकुर अब राजनीति की दुनिया में कदम रखने की तैयारी में हैं। बिहार की लोकभाषाओं और लोकगीतों से देशभर में पहचान बनाने वाली मैथिली ठाकुर अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बतौर भाजपा प्रत्याशी मैदान में उतर सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, वह फिलहाल अपनी रणनीति और क्षेत्र का चयन अंतिम रूप देने में जुटी हुई हैं।

संगीत से राजनीति तक का सफर

बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी की रहने वाली मैथिली ठाकुर ने बहुत कम उम्र में लोकगायन के माध्यम से बिहार और देशभर में अपनी पहचान बनाई। 25 जुलाई 2000 को जन्मी मैथिली ठाकुर ने सोशल मीडिया के जरिए करोड़ों लोगों का दिल जीता। उनके फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लाखों नहीं, बल्कि मिलियन फॉलोवर्स हैं।

अब जब वह राजनीति में उतरने की चर्चा में हैं, तो माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें दरभंगा के अलीनगर या मधुबनी की किसी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है। अगर ऐसा होता है तो मैथिली ठाकुर बिहार की सबसे कम उम्र की विधायक बनने का रिकॉर्ड बना सकती हैं।

चुनाव लड़ने की संभावना पर मैथिली का बयान

हाल ही में मीडिया से बात करते हुए मैथिली ठाकुर ने कहा, मैं भी टीवी पर ये खबरें देख रही हूं। हाल ही में मैं बिहार गई थी और वहां नित्यानंद राय और विनोद तावड़े जी से मुलाकात हुई। हमने बिहार के भविष्य पर चर्चा की, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अगर मौका मिला तो मैं अपने गांव के निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहूंगी, क्योंकि उससे मेरा गहरा लगाव है। उनके इस बयान के बाद माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें मिथिलांचल क्षेत्र में अपना युवा चेहरा बनाकर पेश कर सकती है।

भाजपा के लिए बड़ा चेहरा बन सकती हैं मैथिली ठाकुर

भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने अपने एक्स (Twitter) हैंडल पर मैथिली ठाकुर के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, 1995 में जब लालू राज आया तो जो परिवार बिहार छोड़कर चला गया था, उसकी बिटिया मैथिली ठाकुर अब बदलते बिहार की रफ्तार देखकर फिर से लौटना चाहती हैं। हमने उनसे आग्रह किया है कि बिहार की जनता और विकास के लिए वे अपना योगदान दें। यह पोस्ट साफ तौर पर संकेत देता है कि भाजपा मैथिली ठाकुर को ‘बिहार की युवा बिटिया’ के रूप में जनता के सामने पेश कर सकती है।

परिवार और पृष्ठभूमि

मैथिली ठाकुर का परिवार लंबे समय से संगीत से जुड़ा है।

  • पिता: रमेश ठाकुर (प्रसिद्ध संगीतज्ञ)
  • माता: पूजा ठाकुर (गृहिणी)
  • भाई: ऋषभ ठाकुर और अयाची ठाकुर (दोनों संगीत से जुड़े हैं)

यह पूरा परिवार आज भी भारतीय लोकसंगीत को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है।

सम्मान और उपलब्धियां

मैथिली ठाकुर को उनकी प्रतिभा के लिए कई बड़े सम्मान मिल चुके हैं —

  • उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार (संगीत नाटक अकादमी)
  • बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ब्रांड एंबेसडर (2024)
  • कई राष्ट्रीय मंचों पर लोकगीत और भजन गायन के लिए सम्मानित

उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोशल मीडिया पर उनके वीडियो लाखों बार शेयर और करोड़ों बार देखे जाते हैं।

मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता भाजपा के लिए वरदान

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मिथिलांचल में मैथिली ठाकुर भाजपा के लिए युवा चेहरा + स्कृतिक पहचान का मजबूत संयोजन साबित हो सकती हैं। उनकी छवि साफ-सुथरी, प्रेरणादायक और जनता से जुड़ी हुई है, जो चुनाव प्रचार में बड़ा प्रभाव डाल सकती है। अगर भाजपा उन्हें टिकट देती है, तो यह फैसला न सिर्फ दरभंगा और मधुबनी, बल्कि पूरे मिथिलांचल क्षेत्र में पार्टी के लिए सकारात्मक माहौल बना सकता है।

भले ही भाजपा की ओर से अभी कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन संकेत साफ हैं कि मैथिली ठाकुर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक नई राजनीतिक पहचान बनाने जा रही हैं। अगर वह मैदान में उतरती हैं, तो यह बिहार की राजनीति में युवा और सांस्कृतिक ऊर्जा का एक नया अध्याय होगा।

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