खत्म हुआ 832 साल का इंतजार, Bihar के राजगीर में Nalanda University के नए परिसर का हुआ उद्घाटन

On: Wednesday, June 19, 2024 2:12 PM
Bihar

बिहार (Bihar) की विरासत नालंदा विश्वविद्यालय का दोबारा से पुनर्निर्माण कराया जा चुका है. एक बार फिर नई मिसाल बन चुकी है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया. विश्वविद्यालय का नया परिसर विश्व धरोहर स्थल प्राचीन नालंदा महाविहार स्थल के करीब है. उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने राजगीर में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल नालंदा महाविहार का भ्रमण और अवलोकन किया.

आपको बता दे कि इस विश्वविद्यालय के नष्ट होने से पहले यह 800 वर्ष तक फलता- फूलता रहा. इस विश्वविद्यालय में भारत के अलावा 17 अन्य देश ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, मॉरीशस, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, वियतनाम और कई देशों की भागीदारी है, जिन्होंने विश्वविद्यालय के समर्थन में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किया है. अपने तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिन में ही नरेंद्र मोदी को नालंदा (Bihar) आने का अवसर मिला जिन्होंने इसे अपना सौभाग्य बताया है.

पीएम मोदी ने कहीं ये बात

नालंदा एक सम्मान है. बिहार (Bihar) की एक पहचान है. यह केवल भारत के अतीत का पुनर्जागरण नहीं है बल्कि इसमें विश्व के, एशिया के कितने ही देश की विरासत जुड़ी हुई है. आपको बता दे कि इसके पुनर्निर्माण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपने प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का यह नया कैंप विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा जो राष्ट्र मजबूत मानवीय मूल्य पर खड़े होते हैं, वह राष्ट्रीय इतिहास को पुनर्जित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना चाहते हैं. इस बात से आज कोई अनजान नहीं है कि एक समय में नालंदा विश्वविद्यालय कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था.

शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है. शिक्षा ही हमें गढ़ती है विचार देती है. इस खास मौके पर नरेंद्र मोदी के अलावा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार (Bihar) के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अरविंद पन गढ़िया मौजूद रहे. साथ ही साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना में अहम योगदान देने वाले 17 देश के राजदूत को भी शामिल किया गया. साथ ही साथ 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की चर्चा करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे ऋषियों ने कितना गहन शोध इसके लिए किया होगा लेकिन किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया.

Bihar के मुख्यमंत्री ने भी जाहिर की खुशी

इस ऐतिहासिक पहल पर बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार भी काफी खुश नजर आए और उन्होंने कहा कि बहुत ही गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी के कर कमलो से किया जा रहा है. दुनिया के आधे से ज्यादा लोग यहां आकर पढ़ते थे लेकिन दुर्भाग्य से यह विश्वविद्यालय नष्ट हो गया. 2005 से ही इसे दोबारा से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा था. जब 2006 में एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने अपने बिहार (Bihar) दौरे पर यह कहा था कि वह नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करना चाहते हैं फिर उसके बाद 2017 से नए परिसर के निर्माण कार्य शुरू हुई.

इस वक्त आपको बता दे कि नालंदा विश्वविद्यालय के कैंपस में 40 कक्षा वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक है, जिनकी कुल बैठने की क्षमता लगभग 1900 है. इनमें दो सभागार है जिनमें 300 सीटों की क्षमता है, जिसमें लगभग 550 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्रावास है. आपको बता दे कि साल 1193 में दिल्ली सल्तनत के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के सेनापति मोहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने इस विश्वविद्यालय को आग लगाकर भस्म कर दिया था.

आप इस विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक होने का साक्ष्य इस बात से समझ सकते हैं कि जब इसमें आग लगी थी तो तीन दिनों तक किताबें जल रही थी. आज यह यूनेस्को के विश्व धरोहर सूची में शामिल है जिसकी नीव सबसे पहले गुप्त राजवंश के कुमार गुप्त प्रथम में रखी थी.

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