NCERT ने 12वीं की किताब से हटाया बाबरी मस्जिद का नाम, अयोध्या विवाद में भी हुआ बदलाव

आपको बता दे कि इस वक्त राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी की एनसीईआरटी (NCERT) ने 12वीं की कक्षा की सामाजिक विज्ञान के सिलेबस में एक बहुत बड़ा बदलाव किया है. आपको बता दे कि पिछले कई दशकों से जो बाबरी मस्जिद का मामला चल रहा है, अब उसे सामाजिक विज्ञान की किताब से हटा दिया गया है और इसकी जगह पर एनसीईआरटी (NCERT) ने तीन गुंबद वाले ढांचे के बारे में जानकारी दी है. साथ ही साथ अयोध्या विवाद वाले अध्याय में भी बदलाव करके कई तरह की जानकारी को हटा दिया गया है.

पहले के अध्याय में चार पेज का वर्णन विस्तार रूप में हुआ करता था लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इसे काट छांट कर दो पेजों में ही वर्णित किया गया है. इससे पहले सामाजिक विज्ञान की जो पुरानी किताब थी, उसमें बाबरी मस्जिद का पूर्ण परिचय मुगल सम्राट बाबर के सेनापति द्वारा किस तरह इसका निर्माण किया गया था, इसकी पूरी कहानी का उल्लेख किया गया था. इससे यह स्पष्ट है कि अब एनसीईआरटी (NCERT) पढ़ने वाले छात्रों को पहले की तरह पूरी जानकारी हासिल नहीं हो पाएगी, क्योंकि पहले और अबके किताबों के चैप्टर में काफी ज्यादा बदलाव हो चुके हैं.

NCERT ने किया ये बदलाव

अगर विस्तार रूप से इस बारे में चर्चा करें तो गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक भाजपा की रथ यात्रा, कार सेवकों की भूमिका, 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंश के बाद जो सांप्रदायिक हिंसा हुई उसके साथ-साथ भाजपा शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन जैसे चैप्टर को एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा किताबों से हटा दिया गया है. इससे पहले यह जानकारी मिली थी कि कम से कम तीन संदर्भ में बाबरी विध्वंश और राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े अध्याय में बदलाव किए गए हैं. इससे पहले जो एनसीईआरटी की किताब थी, उसमें यह बताया गया था कि किस तरह 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बाकी ने बाबरी मस्जिद बनवाई थी.

अब इसमें यह बदलाव करके लिखा गया है कि 1528 में श्री राम के जन्म स्थान पर तीन गुंबद वाला ढांचा बना दिया गया है, जिसमें कई हिंदू चिन्ह बने हुए थे. इसका वर्णन भी देखने को मिला है कि किस तरह ढांचे के अंदर और बाहर के दीवारों पर मूर्तियां बनी हुई थी. साथ ही साथ एनसीईआरटी (NCERT) की नई किताब में आपको फैजाबाद जिला कोर्ट के आदेश से जुड़े बदलाव भी देखने को मिलेंगे जिसमें लिखा हुआ है कि जब फैजाबाद जिला कोर्ट ने संरचना को खोलने का फैसला सुनाया तो लोगों को पूजा करने की अनुमति मिल गई.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े सामग्री में भी बदलाव

एनसीईआरटी (NCERT) की नई किताब में अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की नई सामग्री को जोड़ी गई है जिसमें कहा गया है कि किसी भी समय में संघर्ष होना तय है लेकिन एक बहुधार्मिक और बहु सांस्कृतिक लोकतांत्रिक समाज में ऐसे संघर्षों को कानून की उचित प्रक्रिया के बाद हल किया जाता है. इसके बाद 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ ने 5-0 के फैसले का जिक्र भी किया गया है. इससे पहले जो पुरानी किताब थी, उसमें अकबारों के लेखों की कई तस्वीर थी लेकिन किताब में सभी अखबारों की कतरने हटा दी गई है.

नई किताब में यह लिखा गया है कि इस तीन गुंबद वाले ढांचे को भगवान राम के जन्म स्थान पर बनाया गया है, जिसके बाद राम मंदिर का शिलान्यास कर दिया गया लेकिन आगे मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी गई. ऐसे में हिंदू समाज को लगा कि उसकी आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और मुस्लिम समुदाय को ढांचे पर अधिकार बनाए रखने का अधिकार मिल रहा है. इसके बाद स्वामित्व अधिकारों को लेकर दोनों समुदाय के बीच तनाव बढ़ गया जिसके बाद कई कानूनी संघर्ष हुए.

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