Vehicle Rules Bihar: अगर आप बिहार में किसी अन्य राज्य की गाड़ी लेकर घूम रहे हैं, तो कुछ ज़रूरी बातों (Vehicle Rules Bihar) का ध्यान रखना चाहिए। ज़रा सी चूक आपकी गाड़ी की जब्ती का कारण बन सकती है। बिहार की राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में अक्सर यह देखा जाता है कि बाहर के राज्यों की नंबर प्लेट वाली गाड़ियाँ सड़कों पर दौड़ रही हैं। कुछ लोग थोड़े बहुत डिस्काउंट के लालच में आसपास के राज्यों से गाड़ियाँ खरीद लेते हैं और बिहार में चलाते हैं। लेकिन अब परिवहन विभाग इस पर सख्ती बरतने की तैयारी में है।
दूसरे राज्य की गाड़ी बिहार में चलाने के नियम:
अगर आप किसी दूसरे राज्य की गाड़ी बिहार के किसी भी जिले में चला रहे हैं, तो आपको 7 दिनों के भीतर संबंधित जिले के डीटीओ (जिला परिवहन पदाधिकारी) को इसकी सूचना देनी होती है। साथ ही, उस गाड़ी का एनओसी (No Objection Certificate) लेकर बिहार में दोबारा पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कराना आवश्यक होता है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हर साल करीब 20 से 25 हजार गाड़ियाँ दूसरे राज्यों से बिहार के अलग-अलग जिलों में आती हैं। इनमें से केवल 5% वाहन मालिक ही गाड़ी का पंजीकरण (Vehicle Rules Bihar) दोबारा करवाते हैं। बाकी की गाड़ियाँ बिना किसी सूचना के बिहार की सड़कों पर दौड़ रही होती हैं।
अब होगी सख्त कार्रवाई
परिवहन विभाग अब इस मामले (Vehicle Rules Bihar) में सक्रिय हो गया है। ऐसे वाहन मालिक जो बिना सूचना के गाड़ी चला रहे हैं, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। बिहार में प्रवेश करने वाले टोल प्लाजा और शहरों में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से इन गाड़ियों की पहचान की जा रही है। कैमरों के ज़रिए यह भी देखा जा रहा है कि ये गाड़ियाँ बिहार में कितने दिनों से चल रही हैं। चिन्हित की गई गाड़ियों का एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।
जो वाहन मालिक निर्धारित समय में डीटीओ को सूचना नहीं देते, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। यदि कोई गाड़ी बिना सूचना दिए एक साल से अधिक समय से बिहार में चल रही है, तो ऐसी गाड़ी को जब्त किया जा सकता है।अगर आप भी दूसरे राज्य की गाड़ी बिहार में चला रहे हैं, तो नियमानुसार सूचना देना और पंजीकरण कराना ज़रूरी है। नियमों की अनदेखी करना भारी पड़ सकता है।
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