Patna Airport New Terminal : पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नया टर्मिनल अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है और यह बिहार की प्रगति का प्रतीक बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई 2025 को इस अत्याधुनिक टर्मिनल का उद्घाटन किया। यह टर्मिनल न केवल तकनीकी सुविधाओं से लैस है, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान को भी जीवंत करता है।
छठ पूजा और मधुबनी कला से सजी आंतरिक सजावट
नए टर्मिनल (Patna Airport New Terminal) की दीवारों को खासतौर पर बिहार की प्रसिद्ध मधुबनी चित्रकला, छठ महापर्व के दृश्य, तथा बुद्ध और महावीर की प्रतीकात्मक कलाकृतियों से सजाया गया है। इन चित्रों के माध्यम से यहां आने वाले यात्रियों को बिहार की पारंपरिक और धार्मिक विविधता की झलक मिलती है। इसके अतिरिक्त, डिज़ाइन में नालंदा विश्वविद्यालय की वास्तुकला से प्रेरणा ली गई है, जो भवन को एक गौरवपूर्ण ऐतिहासिक पहचान भी प्रदान करता है।
सुविधाओं में मिला अत्याधुनिक विस्तार
नया टर्मिनल भवन लगभग 65,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और यह प्रति वर्ष एक करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है। इसमें (Patna Airport New Terminal) 54 चेक-इन काउंटर, पाँच आधुनिक बोर्डिंग ब्रिज, अत्याधुनिक सुरक्षा जांच उपकरण और यात्रियों की सुविधा के लिए कई इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले सिस्टम लगाए गए हैं। ये सभी सुविधाएं इसे देश के प्रमुख हवाई अड्डों की श्रेणी में ला खड़ा करती हैं।
पार्किंग और पहुंच के लिए विशेष इंतजाम
नए टर्मिनल के साथ एक मल्टी-लेवल कार पार्किंग भी तैयार की गई है, जिसमें लगभग 750 गाड़ियों की पार्किंग क्षमता है। पार्किंग से सीधे टर्मिनल तक पहुंचने के लिए 150 मीटर लंबा ट्रैवलेटर (चलती पट्टी) लगाया गया है, जिससे यात्रियों को सामान के साथ आवागमन में सुविधा हो।
हवाई संपर्क और विकास की नई दिशा
इस टर्मिनल (Patna Airport New Terminal) के शुरू होने से पटना से देश के अन्य हिस्सों के लिए उड़ानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहां पहले प्रतिदिन 30-35 फ्लाइट्स होती थीं, अब यह संख्या 70 से अधिक हो गई है। इससे न केवल पर्यटकों और व्यवसायियों को फायदा होगा, बल्कि राज्य की आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।
पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल (Patna Airport New Terminal)भवन बिहार के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ-साथ यह राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी जीवंत बनाए हुए है। यह न केवल यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि बिहार को देश और दुनिया से और बेहतर तरीके से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।
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