Patna Double Decker Pul: पटना को मिली डबल-डेकर पुल की सौगात, 11 जून 2025 बना ऐतिहासिक दिन

On: Wednesday, June 11, 2025 1:52 PM
Patna Double Decker Pul


Patna Double Decker Pul: 11 जून 2025 को राजधानी पटना ने इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री द्वारा बिहार के पहले डबल-डेकर पुल के लोकार्पण के साथ ही पटना ने विकास की दौड़ में एक बड़ी छलांग लगाई। वर्षों से ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित यातायात का सामना कर रहे पटना वासियों के लिए यह पुल उम्मीद की एक नई किरण लेकर आया है। यह सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि एक नई सोच, नई दिशा और आधुनिक बिहार की तस्वीर है।

तीन-स्तरीय ट्रैफिक सिस्टम – एक अनोखा अनुभव

पटना के अशोक राजपथ पर बना (Patna Double Decker Pul) यह डबल-लेवल एलिवेटेड कॉरिडोर देश के गिने-चुने ऐसे स्ट्रक्चर्स में से एक है, जो एक साथ तीन स्तरों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट की सुविधा देता है।

टियर-1 (निचला डेक)

पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक फैले इस 1.45 किलोमीटर लंबे हिस्से पर यातायात का दबाव सीधे कम होगा। यह सेक्शन (Patna Double Decker Pul) खासतौर से उन लोगों के लिए राहत लेकर आएगा जो रोज़ाना इस मार्ग से गुजरते हैं चाहे छात्र हों, या यूनिवर्सिटी के कर्मचारी।

टियर-2 (ऊपरी डेक)

कारगिल चौक से साइंस कॉलेज होते हुए शताब्दी द्वार तक बना यह 2.2 किलोमीटर लंबा सेक्शन राजधानी की सड़कों को नई ऊंचाई पर ले जाता है। इस ऊपरी मार्ग (Patna Double Decker Pul) से सफर करने का अनुभव दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर जैसी आधुनिकता का अहसास कराता है।

ग्राउंड लेवल (सर्विस रोड)

नीचे की सड़क को ‘सर्विस रोड’ के रूप में विकसित किया गया है, जिसका 90% कार्य पूर्ण हो चुका है। यह सड़क उन लोगों के लिए है जो लोकल ट्रैफिक या छोटी दूरी के लिए सफर करते हैं।

ट्रैफिक जाम से राहत की उम्मीद

पटना के जिन इलाकों में ट्रैफिक की परेशानी एक आम बात बन चुकी थी। जैसे कि अशोक राजपथ, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय और साइंस कॉलेज वहां अब यह ब्रिज (Patna Double Decker Pul) गेम चेंजर साबित होगा। अब गांधी सेतु, कंकड़बाग या जेपी गंगा पथ से आने-जाने वाले वाहन सीधे इस पुल से कनेक्ट हो सकेंगे। इससे न केवल वैकल्पिक मार्ग मिलेगा, बल्कि शहर के भीतरी हिस्सों में ट्रैफिक दबाव भी घटेगा।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़ाव

यह डबल-डेकर पुल (Patna Double Decker Pul) केवल एक कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि पटना मेट्रो, जेपी गंगा पथ, मल्टी-लेवल पार्किंग, और बाकरगंज नाला सड़क योजना जैसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से भी इसका सीधा संबंध है। इस एक पुल के जरिए सरकार ने पूरे शहरी ट्रैफिक सिस्टम को एकीकृत करने का प्रयास किया है – एक ऐसा प्रयास जो आने वाले वर्षों में पटना को स्मार्ट सिटी की परिभाषा में लाकर खड़ा कर सकता है।

आम नागरिकों के लिए लाभकारी

छात्र और शिक्षण संस्थान

पटना विश्वविद्यालय, बीएन कॉलेज, साइंस कॉलेज और अन्य संस्थानों के हजारों छात्रों को अब जाम में फंसकर लेट होने की चिंता नहीं सताएगी।

मरीज और डॉक्टर

पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल के लिए ये ब्रिज एक वरदान बनकर आया है। अब एंबुलेंस और डॉक्टरों को पहुंचने में समय की बचत होगी।

व्यापारी और लोकल दुकानदार

कारगिल चौक से अशोक राजपथ तक व्यापारियों की दुकानों तक पहुंचना अब आसान होगा, जिससे व्यवसाय में तेजी आने की उम्मीद है।

सौंदर्य और तकनीक का संगम

इस पुल (Patna Double Decker Pul) की खूबसूरती भी कम नहीं है। रात के समय इसकी एलईडी लाइटिंग, आधुनिक रेलिंग डिज़ाइन और साफ-सुथरा स्ट्रक्चर इसे एक आकर्षक लैंडमार्क बनाता है। तकनीकी दृष्टि से भी यह पुल काफी एडवांस्ड है – इसमें ट्रैफिक सेंसर्स, स्मार्ट कैमरा नेटवर्क, और एंटी-वाइब्रेशन स्ट्रक्चर शामिल है, जो इसे सुरक्षित और टिकाऊ बनाते हैं।

 मुख्यमंत्री का संदेश और भविष्य की झलक

लोकार्पण के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुल “बिहार के आत्मविश्वास और आधुनिक सोच का प्रतीक” है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ऐसे डबल-डेकर कॉरिडोर अब बिहार के अन्य शहरों में भी विकसित किए जाएंगे – जैसे गया, मुज़फ्फरपुर और भागलपुर। यह संकेत है कि बिहार अब केवल कृषि या इतिहास के लिए नहीं, बल्कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट प्लानिंग के लिए भी जाना जाएगा।

भविष्य की ओर बढ़ता पटना

11 जून 2025, केवल एक तारीख नहीं रही यह दिन पटना के विकास की एक नई शुरुआत बन गया। डबल-डेकर पुल (Patna Double Decker Pul) अब न केवल यातायात की परेशानी को हल करेगा, बल्कि शहर की पहचान को भी नया आयाम देगा।

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