Patna Metro Fare: पटना के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। राजधानी में मेट्रो रेल का इंतजार खत्म होने वाला है। 15 अगस्त 2025 से पटना मेट्रो के रेडलाइन रूट पर सफर शुरू हो जाएगा। पहले फेज में मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक मेट्रो दौड़ेगी। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने इसका किराया (Patna Metro Fare) तय कर दिया है और दिलचस्प बात यह है कि पटना मेट्रो का न्यूनतम किराया दिल्ली मेट्रो से ज्यादा होगा।
पटना मेट्रो का किराया कितना होगा?
पटना मेट्रो में सफर करने के लिए यात्रियों को न्यूनतम 15 रुपए (Patna Metro Fare) चुकाने होंगे, जबकि दिल्ली मेट्रो में यह केवल 10 रुपए है। पटना मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक:
दूरी (किमी) | किराया (रुपए) |
0 – 3 किमी | 15 रुपए |
3 – 6 किमी | 30 रुपए |
रेडलाइन रूट की पहली फेज की लंबाई करीब 6.50 किमी है। यानी अगर कोई यात्री मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक पूरा सफर करता है तो उसे 30 रुपए (Patna Metro Fare) चुकाने होंगे।
किराया क्यों ज्यादा है?
मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि (Patna Metro Fare) किराया तभी स्थिर रह पाएगा जब पटना मेट्रो को नो प्रॉफिट-नो लॉस के आधार पर सस्ती बिजली मिलेगी। इसको लेकर मेट्रो प्रबंधन ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग से रेलवे की तरह रियायती दर पर बिजली देने की मांग की है। इस पर 15 जुलाई को सुनवाई होगी। अगर सस्ती बिजली मिली तो भविष्य में किराया कम किया जा सकता है।
संचालन का समय
पटना मेट्रो का संचालन सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक किया जाएगा। मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि रेलवे और मेट्रो की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि रेलवे 24 घंटे और मालगाड़ियों के साथ चलता है, जबकि मेट्रो केवल यात्रियों की सुविधा के लिए है।
क्या-क्या होंगे फायदे?
पटना मेट्रो के शुरू होने से यात्रियों को कई फायदे मिलेंगे:
- जाम से छुटकारा मिलेगा
- तेज, सुरक्षित और समयबद्ध यात्रा
- किफायती और लग्जरी सफर का आनंद
- शहर में प्रदूषण भी कम होगा
पटना मेट्रो परियोजना का पूरा खाका
पटना मेट्रो परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। पूरी योजना के तहत कुल 34.39 किमी में मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी। दो मुख्य कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं:
- ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर: 16.94 किमी
- नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर: 14.45 किमी
पहले फेज में कुल 26 स्टेशन बन रहे हैं। इनमें से 13 एलिवेटेड स्टेशन जमीन के ऊपर और 13 अंडरग्राउंड स्टेशन जमीन के नीचे बनाए जा रहे हैं।
- एलिवेटेड ट्रैक: 13.91 किमी, जो शहर के खुले इलाकों से होकर गुजरेगा।
- अंडरग्राउंड ट्रैक: 18.59 किमी, जो घनी आबादी वाले इलाकों से होकर जमीन के नीचे बनेगा।
कितना होगा खर्च?
पटना मेट्रो परियोजना पर करीब 19,500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। अधिकारियों का कहना है कि सभी ट्रैक और स्टेशनों का निर्माण कार्य समय पर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
कम समय में आरामदायक सफर
पटना मेट्रो के शुरू होने से शहर के ट्रैफिक सिस्टम में बड़ा बदलाव आएगा। लोग कम समय में आरामदायक सफर कर पाएंगे। हालांकि फिलहाल (Patna Metro Fare) किराया दिल्ली से ज्यादा है, लेकिन अगर बिजली पर रियायत मिलती है तो भविष्य में यह और किफायती हो सकता है। पटना मेट्रो से राजधानी को जाम से राहत मिलेगी और यात्रा का अनुभव भी बेहतर होगा।
Also Read: पटना के सगुना मोड़ स्थित मॉल में भीषण आग, रेस्टोरेंट जलकर खाक, कोई हताहत नहीं