Ritlal Yadav Surrender: राजद विधायक रीतलाल यादव ने गुरुवार को दानापुर कोर्ट में अपने भाई और तीन अन्य सहयोगियों के साथ आत्मसमर्पण (Ritlal Yadav Surrender) कर दिया। इस हाई-प्रोफाइल केस में विधायक पर एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप है। विधायक रीतलाल यादव के साथ उनके समर्थक चीकू यादव, पिंकू यादव और श्रवण यादव ने भी न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। कोर्ट परिसर में भारी पुलिस सुरक्षा और मीडिया की मौजूदगी में यह सरेंडर हुआ। पटना पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की लंबे समय से इन सभी की तलाश थी।
दानापुर कोर्ट में सरेंडर के दौरान माहौल काफी तनावपूर्ण रहा। पुलिस ने कोर्ट परिसर में व्यापक तलाशी अभियान चलाया। बताया गया कि पटना पुलिस पहले से ही रीतलाल यादव और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी।
वकील का बयान: ‘राजनीतिक साजिश है’
विधायक रीतलाल यादव के वकील ने कोर्ट के बाहर बयान दिया कि उनके मुवक्किल ने कानून का सम्मान करते हुए आत्मसमर्पण (Ritlal Yadav Surrender) किया है। उन्होंने एफआईआर को पूरी तरह झूठा और राजनीतिक साजिश बताया। वकील के अनुसार, सभी आरोप निराधार हैं और न्यायिक प्रक्रिया के ज़रिए सच सामने लाया जाएगा।
बेऊर जेल में भेजे जाएंगे विधायक
आत्मसमर्पण (Ritlal Yadav Surrender) के बाद कोर्ट ने विधायक रीतलाल यादव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्हें पटना स्थित बेऊर जेल में रखा जाएगा, जहाँ पहले से ही मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह भी बंद हैं।
क्या है पूरा मामला?
दानापुर के एक प्रॉपर्टी डीलर कुमार गौरव ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि रीतलाल यादव ने उन्हें फोन कर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद पटना पुलिस और STF ने रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में करीब 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, जमीन से जुड़े दस्तावेज और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की गई। इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह ने किया।
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