Supreme Court Hearing: बिहार पंचायत चुनाव और SIR विवाद पर 10 दिसंबर को आएगा बड़ा फैसला

On: Wednesday, December 3, 2025 1:26 PM
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Supreme Court Hearing: बिहार पंचायत चुनाव को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। कई दिनों से लगातार सूचीबद्ध होने के बावजूद सुनवाई न होने की स्थिति पर याचिकाकर्ता के वकील ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने आश्वस्त किया कि अब यह मामला तय समय पर सुना जाएगा।

Supreme Court Hearing: क्या है पूरा मामला?

बिहार पंचायत चुनाव से जुड़े इस विवाद की जड़ में है स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)। चुनाव आयोग इन दिनों कई राज्यों में SIR प्रक्रिया को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची में संशोधन करना बताया जा रहा है। लेकिन याचिकाकर्ताओं का दावा है कि आयोग को देशभर में एक साथ SIR चलाने का अधिकार नहीं है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर जाती है।

चुनाव आयोग पर आरोप: मतदाता सूची में ‘असंतुलित बदलाव’

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकीलों ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि आयोग नागरिकता सत्यापन जैसे कार्य कर रहा है, जो उसकी कानूनी शक्तियों में शामिल नहीं है। सुनवाई में यह भी बताया गया कि कई जिलों में ब्लॉक स्तर के अधिकारियों पर हमले, अनियमितताएं और दबाव की घटनाएं देखने को मिली हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि मौजूदा SIR प्रक्रिया चुनावों से पहले विशेष वोटर समूह को फायदा पहुँचाने और कुछ को सूची से बाहर करने की कोशिश लगती है।

बिहार और बंगाल में SIR को लेकर बढ़ी राजनीतिक हलचल

बिहार में पंचायत चुनाव से ठीक पहले SIR लागू किए जाने पर विपक्ष ने चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था। आरोप था कि कुछ दलों के समर्थकों के नाम मतदाता सूची में जोड़े जा रहे हैं, जबकि विरोधियों के नाम हटाए जा रहे हैं। अब यही विवाद पश्चिम बंगाल में भी गहराता दिख रहा है, जहाँ जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहां भी SIR के तरीके और समय पर सवाल उठ रहे हैं और राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तय करेगी भविष्य की दिशा

देशभर में SIR और मतदाता सूची संशोधन पर उठ रहे सवालों के बीच 10 दिसंबर की सुनवाई बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से यह स्पष्ट हो सकता है कि चुनाव आयोग भविष्य में वोटर लिस्ट को लेकर किस तरीके से काम करेगा और क्या SIR प्रक्रिया जारी रह पाएगी।

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