बिहार की सांस्कृतिक धरोहर

बिहार, जो भारतीय उपमहाद्वीप का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र रहा है, अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।

मधुबनी पेंटिंग बिहार की सबसे प्रसिद्ध कला रूपों में से एक है। यह पारंपरिक चित्रकला मिथिला क्षेत्र से आती है और इसमें प्राकृतिक रंगों से चित्रकारी की जाती है।

1.मधुबनी पेंटिंग

इसमें धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों, जैसे देवी-देवता, पेड़-पौधे, और प्राकृतिक दृश्य, का चित्रण किया जाता है।

छठ पूजा बिहार की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है। यह पूजा सूर्य देवता की उपासना के लिए की जाती है और मुख्य रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाई जाती है।

2.छठ पूजा

बिहार का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन है 'लिट्टी चोखा', जो परंपरागत रूप से गेहूं के आटे से बनी गोल-गोल लिट्टी और मसालेदार बैंगन या आलू के चोखे के साथ खाया जाता है।

3.लिट्टी चोखा

बिहार का पारंपरिक संगीत और नृत्य भी बहुत प्रसिद्ध है। लोक गीतों और नृत्य रूपों में 'जट-जटिन', 'बिहू', और 'फगुआ' शामिल हैं।

4.बिहारी संगीत और नृत्य

ये पारंपरिक नृत्य रूप न केवल बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं, बल्कि यहां के लोगों के जीवन और उत्सवों को भी जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं।

बिहार की साहित्यिक परंपरा भी अत्यंत समृद्ध है। 'विद्यापति', जो मिथिला के प्रमुख कवि थे, उनको हिंदी और मैथिली साहित्य का महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। उनके गीत और कविताएं आज भी बिहार के हर कोने में गाई जाती हैं।

5.बिहार का साहित्य

बिहार में हस्तशिल्प की भी एक लंबी परंपरा रही है। यहां के बुनकर और कारीगर विश्व प्रसिद्ध 'सिल्क' के कपड़े बनाते हैं, जिनकी मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है।

6.हस्तशिल्प और कारीगरी