कंप्यूटर फेल होने पर NASA की मदद करने वाला बिहार का गणितज्ञ
1942 में बिहार के बसंतपुर में जन्मे एक अद्भुत प्रतिभाशाली। जिन्होंने लगातार दो बार Bsc और Msc में टॉप किया।
उनकी असाधारण प्रतिभा उन्हें NASA, IIT और बर्कले जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं तक ले गई।
हम बात किसी और कि नहीं बल्कि भारत के गुमनाम गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण जी की कर रहे हैं। इन्होंने पूरी दुनिया में विज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान दिया।
वशिष्ठ नारायण ने अपनी स्कूल की पढ़ाई झारखंड के नेतरहाट स्कूल से और कॉलेज की पढ़ाई पटना साइंस कॉलेज से पुरी की।
वशिष्ठ नारायण को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में आने का निमंत्रण प्रोफेसर जॉन एल केली के द्वारा दिया गया था।
वशिष्ठ नारायण जी के बारे में यह भी कहा जाता है, कि उन्होंने आइंस्टीन के प्रसिद्ध सिद्धांत E = mc² को चुनौती दी थी।
इतना ही नहीं उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि जब NASA के कंप्यूटर काम करना बंद कर दिए थे तब मदद के लिए वशिष्ठ नारायण को बुलाया गया था।
वह स्किजोफ्रेनियानामक मानसिक बीमारी के शिकार हो गए, जिसके कारण उनका तलाक हो गया और उनकी शैक्षिक पहचान कम हो गई थी।
14 नवंबर 2019 को 72 वर्ष की आयु में वशिष्ठ नारायण का निधन हो गया। उन्हें उनके योगदान के लिए मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।