नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का पहला ऐसा विश्वविद्यालय था जहां छात्र रहकर अपनी पढ़ाई करते थे |

427 ई में सम्राट कुमार गुप्त ने नालंदा में इसकी स्थापना  की थी | जब भी पुराने शिक्षण संस्थाओं का जिक्र होता है तो नालंदा विश्वविद्यालय का नाम जरुर लिया जाता है |

एक दौर था जब इस विश्वविद्यालय में 10000 से ज्यादा छात्र और 2700 सबसे अधिक शिक्षक हुआ करते थे |

1193 ईस्वी में बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय में आग लगा दी इसके बाद यह धरोहर खंडहर में बदल गया |

815 साल के लंबे इंतजार के बाद यह शिक्षा का केंद्र एक बार फिर अपने पुराने स्वरूप में लौट चुका है |

इसके नए परिसर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा चुका है इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे |