नाग पंचमी का त्यौहार मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है.कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों ने अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को राजा बना दिया था और खुद स्वर्ग यात्रा पर निकल गए थे.
पांडवों के बाद धरती पर कलयुग का आगमन हो गया था और राजा परीक्षित की मृत्यु नागदेव के डसने से हुई थी
परीक्षित का पुत्र जन्मेजय बड़ा हुआ तो उसने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए सभी नागों को मारने के लिए नागदाह यज्ञ किया.
जब पृथ्वी के सभी नाग अग्नि में जलने लगे तब आस्तिक मुनि ने राजा जनमेजय को समझाया और इसे रुकवाया.
कहा जाता है कि जिस दिन यह घटना घटी उस दिन सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी थी. इसके बाद से नाग पंचमी पर्व मनाने की शुरुआत हुई.
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की कथा जरूर पढ़नी और सुननी चाहिए.
आप इस दिन नागदेव को जल, दूध, हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर उनकी पूजा कर सकते हैं.