क्यों किया जाता है जितिया व्रत, जाने पूजा विधी

सनातन धर्म में सभी पर्व और व्रत का एक अलग ही महत्व है. ठीक इसी तरह हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया का व्रत मनाया जाता है.

इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखती है. जितिया व्रत शादीशुदा महिलाएं संतान सुख की प्राप्ति के लिए रखती है ताकि उसकी संतान किसी भी बुरी बला से दूर रहे.

ऐसी मान्यता है कि जो भी महिलाएं यह व्रत करती है उसके संतान की रक्षा खुद भगवान श्री कृष्णा करते हैं.

जितिया व्रत की शुरुआत नहाए खाए के साथ होती है और पारण के साथ इसकी समाप्ति होती है.

ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती से यह कहा था कि जो भी मां अपनी संतान के लिए यह व्रत रखेंगी, उसकी संतान के सारे कष्ट दूर होंगे.

इस व्रत में भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है.

इस दिन लाल कपड़े को सरसों के तेल में भिगोकर उसे नारियल पर बांधकर भगवान को अर्पित करना चाहिए.