BPSC: जैसा कि हम सब जानते हैं कि 70वीं बीएससी (BPSC) परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर 13 दिसंबर से बिहार में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन और आंदोलन चल रहा है. इसी बीच मंगलवार को डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. दोनों के बीच हुई मुलाकात में कई मुद्दों पर चर्चा की गई. जिसमें 70वीं बीपीएससी परीक्षा से जुड़े मामले पर भी चर्चा होने की खबर मिल रही है.
सीएम नीतीश कुमार से मिलकर, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने संवाददाताओं से कहा की बीपीएससी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. बीपीएससी (BPSC) के पास फ्री हैंड है. बीपीएससी तय करेगा कि छात्र हित में क्या होगा. सरकार की तरफ से बीपीएससी के ऊपर कोई दबाव नहीं है. सरकार ने बीएससी को खुला छोड़ा है. उन्होंने राजद पर तंज कसते हुए, कहा कि पिछली सरकार सिस्टम को चलती थी. मगर हमारे सरकार में ऐसा नहीं है. हमने बीपीएससी (BPSC) को स्वतंत्र रखा है. बीपीएससी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. बीपीएससी (BPSC) पर सरकार की कोई दबाव नहीं है
क्या बोले रामकृपाल यादव

वहीं भाजपा के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव ने छात्रों के आंदोलन में राजनेताओं की एंट्री की आलोचना करते हुए कहा की. प्रशांत किशोर, पप्पू यादव, तेजस्वी यादव जैसे नेताओं पर तंज कसा. रामकृपाल यादव ने कहा कि विपक्ष के नेता एक दूसरे को गाली दे रहे हैं. उन लोगों को जानता ने अस्वीकार किया है. उनके पास कोई मुद्दा नहीं है तो छात्रों के साथ जुड़कर अपनी राजनीति करने में जुटे हुए हैं. प्रशांत किशोर के बारे में उन्होंने कहा कि वह जमीनी नेता नहीं है.
बिहार सरकार के मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि 70वीं बीपीएससी (BPSC) के मुद्दे पर छात्रों को धैर्यपूर्वक सरकार के जवाब का इंतजार करना चाहिए. सरकार के सबसे प्रमुख व्यक्ति से छात्रों की मुलाकात हुई है. सरकार क्या फैसला लेती है उसका इंतजार छात्रों को करना चाहिए.
यह पूरा मामला

जैसा कि हम जानते हैं, बीपीएससी (BPSC) की 70वीं परीक्षा 13 दिसंबर को पूरे बिहार में हुई है. लेकिन पटना के एक परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्रो के वितरण में अनियमितता की शिकायत सामने आई थी. जिसको लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया तो बीपीएससी (BPSC) ने पटना के इस परीक्षा केंद्र को रद्द करने की घोषणा की. हालांकि छात्रों की मांग है कि सिर्फ एक परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द न हो. पूरी परीक्षा को ही रद्द की जाए. छात्रों का कहना है कि अगर एक केंद्र की परीक्षा रद्द की जाती है. तो बाद में मेरिट लिस्ट तैयार करने के लिए नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी जिसका वह शुरू से विरोध कर रहे हैं.
छात्रों के द्वारा पूरे मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करने की मांग की गई. जिसको लेकर पटना के गर्दनीबाग में छात्रों का प्रदर्शन भी जारी रहा इसी दौरान 29 दिसंबर को गांधी मैदान में आंदोलन कर रहे छात्र जब सीएम हाउस की ओर जा रहे थे. तब उन पर पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की साथी लाठी चार्ज भी किया. जिसकी वजह से कई छात्र घायल हुए जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया. इस बीच बिहार के मुख्य सचिव से छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की.
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