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8th Pay Commission: देश के सरकारी कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग का बहुत ही बेसब्री से इंतजार था जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी जिसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि इसकी घोषणा के बाद से ही यह देखा जा रहा है कि सरकारी कर्मचारी इस बात की ताक लगाए बैठे हैं कि आखिर आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) कब लागू होगा और इसके तहत उनकी सैलरी में कितना ज्यादा इजाफा होगा तो आज हम आपको इससे जुड़ी सारी जानकारी देंगे.
8th Pay Commission: आठवां वेतन आयोग क्या है
आठवे वेतन आयोग के तहत वेतन और पेंशन स्ट्रक्चर में संशोधन की सिफारिश की जाएगी जिससे वेतन और भत्तो में बढ़ोतरी होगी. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सातवें वेतन आयोग का गठन किया था और प्रति 10 साल में वेतन आयोग की बैठक की जाती है जो आयोग महंगाई जैसे भत्तो का आकलन करता है.
कब लागू होगा 8th Pay Commission
सबसे पहले इसे लेकर यह जानकारी सामने आई थी कि 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग को सरकार लागू कर सकती है लेकिन ऐसा होता और मुश्किल नजर आ रहा है. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार के बजट में आठवे वेतन आयोग के आवंटन को लेकर किसी तरह का कोई जिक्र नहीं है. ऐसे में 1 जनवरी 2026 से इसके लागू होने की कोई संभावना नहीं है. नाहीं इसे लेकर कोई आधिकारिक ऐलान हुआ है.
कितनी बढ़ेगी सैलरी
हर केंद्रीय कर्मचारियों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लागू किया जाता है तो उसके तहत उनकी सैलरी में कितना इजाफा होगा तो आपको बता दे की 2.86 के फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से बढ़ोतरी हो सकती है. यानी की सरकार 1.92 से 2.08 के बीच फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी दे सकती है. इसमें जितना ज्यादा इजाफा होगा उसी आधार पर आपकी सैलरी में भी बढ़ोतरी की जाएगी. अगर आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिश लागू होती है तो न्यूनतम वेतन 18000 से बढ़कर लगभग 34560 किए जाने की संभावना है.
किन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा लाभ
आपको बता दे कि जो भी सिविल सर्विसेज के दायरे में आने वाले कर्मचारी हैं, वह वेतन आयोग के दायरे में आते हैं जिन्हें देश के कंसोलिडेटेड फंड से वेतन मिलता है. वही पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक वेतन आयोग के दायरे में नहीं आते हैं. इतना ही नहीं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज भी वेतन आयोग के दायरे से बाहर है. इनके लिए अलग नियम कानून है.
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