Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, सियासत भी चरम पर पहुंच गई है। वहीं दूसरी ओर लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा भी पूरे धूमधाम से शुरू हो चुका है। लेकिन इसी बीच छठ पूजा पर भी सियासी बयानबाज़ी देखने को मिल रही है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर बीजेपी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने छठ पर्व के मौके पर रेलवे द्वारा घोषित 12 हजार स्पेशल ट्रेनों के संचालन को लेकर सरकार को घेरा है।
Bihar Election 2025: छठ पर्व पर लालू यादव का बीजेपी पर तंज
लालू यादव ने X (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि “झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने कहा था कि देश की 13,198 ट्रेनों में से 12,000 रेलगाड़ियां बिहार के लिए चलाई जाएंगी, लेकिन यह भी सफेद झूठ निकला।” उन्होंने कहा कि “20 साल की एनडीए सरकार के बावजूद आज भी बिहार के लोगों को अपने ही पर्व पर रेल में जगह नहीं मिलती। यह शर्मनाक है कि बिहार के प्रवासियों को अमानवीय परिस्थितियों में सफर करना पड़ रहा है।”
‘बिहार विरोधी हैं ये लोग’ – लालू यादव
राजद प्रमुख ने आगे कहा कि, “डबल इंजन की सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार के 4 करोड़ से अधिक लोग रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। एनडीए सरकार ने बिहार में एक भी बड़ा उद्योग नहीं लगाया। ये लोग बिहार विरोधी हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि छठ जैसे पवित्र पर्व पर जब लोग अपने घर लौटने की कोशिश कर रहे हैं, तब रेल प्रशासन की लापरवाही के कारण उन्हें घंटों तक ट्रेनों में ठूंसा जा रहा है।
स्पेशल ट्रेनों की सच्चाई पर उठे सवाल
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय ने दशहरा, दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर 12 हजार से अधिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन का दावा किया था, ताकि प्रवासी बिहारवासी आसानी से अपने घर लौट सकें। लेकिन हकीकत में यात्रियों को जगह-जगह भीड़, ट्रेन कैंसिल और देरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष का कहना है कि “सरकार का यह दावा केवल चुनावी जुमला था और बिहार की जनता अब इसे अच्छी तरह समझ चुकी है।”
चुनावी माहौल में बढ़ी सियासी गरमी
बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर 2025 को और दूसरे चरण का नामांकन 11 नवंबर से शुरू होगा। ऐसे में छठ जैसे बड़े पर्व पर भी राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। लालू यादव के इस बयान के बाद महागठबंधन के समर्थकों में नया जोश देखने को मिला है, वहीं बीजेपी ने इसे “राजनीतिक ड्रामा” बताते हुए खारिज किया है।
छठ पूजा और सियासत का संगम
छठ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि बिहार की संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। हर साल लाखों प्रवासी बिहार लौटते हैं, लेकिन ट्रेन और परिवहन की अव्यवस्था लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। लालू यादव ने इसी मुद्दे को उठाते हुए जनता के दिल को छूने की कोशिश की है।
Bihar Election 2025 में जहां एक ओर प्रचार-प्रसार तेज़ हो रहा है, वहीं छठ पूजा के बहाने सत्ता और विपक्ष के बीच जुबानी जंग भी गर्मा गई है। लालू यादव के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। अब देखना यह है कि जनता किसकी बात पर भरोसा करती है – ‘विकास’ के वादे पर या ‘विरोध’ के बयान पर।








