Delhi Blast: देश की राजधानी में हुए धमाके की जांच अब बिहार तक पहुँच चुकी है। दिल्ली विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार के किशनगंज से एक डॉक्टर को हिरासत में लिया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि डॉक्टर की बातचीत ब्लास्ट से जुड़े एक संदिग्ध से फोन और व्हाट्सऐप पर हुई थी। इसी आधार पर उसका नाम संदिग्धों की सूची में शामिल किया गया है।
Delhi Blast: किशनगंज से डॉक्टर हिरासत में—NIA की कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार देर रात NIA टीम ने पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के दालकोला थाना क्षेत्र, कोनाल गांव के रहने वाले डॉक्टर जानिसार आलम उर्फ जिगर को सूरजापुर हाई स्कूल के पास से पकड़कर पूछताछ के लिए सिलीगुड़ी ले गई। डॉक्टर का नाम इसलिए सामने आया क्योंकि विस्फोट में शामिल संदिग्ध आरोपी से उसकी लगातार बातचीत पाई गई।
12 नवंबर को घर लौटा था डॉक्टर
जांच में पता चला कि डॉ. जानिसार ने 2024 में अल-फलाह यूनिवर्सिटी से MBBS पूरा किया, वर्तमान में लुधियाना में प्रैक्टिस कर रहा था और 12 नवंबर को अपने घर लौटा था। NIA को शक है कि डॉक्टर और दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी के बीच हुई बातचीत में कोई संवेदनशील सामग्री या सहायता शामिल हो सकती है। फिलहाल उससे गहन पूछताछ जारी है।
डॉ. शाहीन सईद की गिरफ्तारी ने खोले कई राज
दिल्ली ब्लास्ट (Delhi Blast) केस में इससे पहले लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया था।जांच में सामने आया कि वह पिछले 10 वर्षों से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी थी। 2015 से उसने पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को संवेदनशील जानकारी भेजनी शुरू कर दी थी। 2016 में वह जैश की सक्रिय सदस्य बन गई थी। इन खुलासों ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर ला दिया है।
देशभर में जैश-ए-मोहम्मद और PFI की बढ़ती सक्रियता
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हाल के दिनों में जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। शुरुआती इनपुट बताते हैं कि प्रतिबंधित संगठन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) भी इनके नेटवर्क को सहायता दे सकता है। खुफिया विभाग की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि PFI के कई सदस्य भले ही औपचारिक गतिविधियों में न दिख रहे हों, लेकिन स्लीपर सेल के तौर पर सक्रिय हैं। इसके बाद एजेंसियों ने जैश और PFI के कनेक्शन की व्यापक जांच शुरू कर दी है।
दिल्ली ब्लास्ट (Delhi Blast) केस का दायरा लगातार बढ़ रहा है और अब इसकी जांच बिहार तक पहुँच गई है। किशनगंज से डॉक्टर की हिरासत इस बात का संकेत है कि आतंकियों का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हुआ है। NIA की टीम लगातार दूसरे राज्यों में भी छापेमारी कर रही है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।








