Bihar News: बिहार में 20 नवंबर को नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। गांधी मैदान में तैयारी अंतिम चरण में है, लेकिन शपथ ग्रहण से ठीक पहले JDU–BJP के बीच मंत्रिमंडल गठन को लेकर पेंच फंसा हुआ दिखाई दे रहा है। इसी राजनीतिक हलचल के बीच JDU के वरिष्ठ नेता ललन सिंह और संजय झा सोमवार की आधी रात चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली रवाना हुए।
सूत्रों के मुताबिक इन दोनों नेताओं की मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ महत्वपूर्ण बैठक तय है। मंत्री पदों के बंटवारे को लेकर अंतिम सहमति बनाने की कोशिशें अब दिल्ली स्तर पर हो रही हैं।
Bihar News: दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग
जानकारी के अनुसार, मंत्रिमंडल में सीटों का बंटवारा, विधानसभा अध्यक्ष (Speaker) का पद, विधान परिषद के सभापति का पद इन मुद्दों पर JDU और BJP के बीच मतभेद जारी है। JDU विधानसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखना चाहती है। बदले में वह भाजपा को विधान परिषद के सभापति का पद देने की पेशकश कर रही है। जबकि BJP दोनों प्रमुख पद—Speaker और Chairman—अपने नियंत्रण में चाहती है। रविवार को भी ललन सिंह और संजय झा की शाह व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से फोन पर चर्चा हुई थी। लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो सका।
मंत्रिमंडल में किसे कितनी जगह? संभावित संख्या
सूत्रों के अनुसार NDA में इस बार सीटों का बंटवारा इस प्रकार हो सकता है। BJP – 15 से 16 मंत्री, JDU – 14 मंत्री + नीतीश कुमार (CM), LJP (राम विलास) – 3 मंत्री, HAM – 1 मंत्री और RLSP/रालोमो – 1 मंत्री। नई कैबिनेट में जातीय समीकरणों का खास ध्यान रखा जाएगा ताकि सभी समुदायों का संतुलन बना रहे।
NDA की ऐतिहासिक जीत – 202 सीटों पर कब्जा
इस चुनाव में NDA ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 202 सीटें जीती हैं। घटक दलों का प्रदर्शन BJP – 89 सीटें, JDU – 85 सीटें, LJP (राम विलास) – 19 सीटें, HAM – 5 सीटें और रालोमो – 4 सीटें। वहीं विपक्ष का हाल इस प्रकार रहा RJD – 25 सीटें, Congress – 6 सीटें, माले – 3, CPM – 1, AIMIM – 5 सीटें और BSP – 1 सीट।
शपथ से पहले क्यों बढ़ा तनाव?
NDA में भारी बहुमत के बावजूद मंत्रिमंडल गठन को लेकर जटिलता बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि BJP राज्य में अधिक नियंत्रण चाहती है, जबकि JDU अपनी परंपरागत भूमिका को कम नहीं होने देना चाहती। इसी टकराव को सुलझाने के लिए ललन सिंह और संजय झा की दिल्ली यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि दिल्ली में किस तरह का समझौता होता है और 20 नवंबर को कैसा मंत्रिपरिषद सामने आता है।
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