Bihar Cabinet: बिहार की नई एनडीए सरकार के शपथ लेने के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अपनी नई कैबिनेट के साथ बड़े फैसले लेने की तैयारी में हैं। इसी कड़ी में 25 नवंबर को सुबह 11 बजे उनकी पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है, जिसे बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इसी में नई विधानसभा के पहले सत्र को बुलाने पर अंतिम मुहर लगनी है।
Bihar Cabinet: 20 साल बाद गृह विभाग से हटे नीतीश कुमार
राजनीतिक बदलावों के बीच इस बार विभागों में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। 20 साल बाद पहली बार नीतीश कुमार ने गृह विभाग का कार्यभार छोड़ा है, जिसे अब बीजेपी की ओर से डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी संभालेंगे। वहीं वित्त विभाग का जिम्मा बिजेंद्र यादव को दिया गया है, जो पहले से ऊर्जा विभाग देख रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर मंगल पांडे को सौंपा गया है, जिससे संकेत मिलता है कि एनडीए सरकार प्रशासनिक स्थिरता और अनुभवी चेहरों पर भरोसा कर रही है।
प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश
कैबिनेट बैठक से पहले पटना प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। जिले, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के सभी अधिकारियों की छुट्टी तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है। अधिकारियों के अनुसार पिछले 24 घंटे से लगातार निर्देश जारी हो रहे हैं और सभी को किसी भी वक्त फील्ड में जाने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया गया है प्रशासनिक गतिविधियों की अचानक बढ़ती रफ्तार से यह साफ है कि सरकार आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण फैसले लेने की तैयारी कर रही है।
डीएम कार्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ बेहद जरूरी परिस्थितियों में ही छुट्टी दी जाएगी, वह भी तभी जब अधिकारी वरिष्ठ प्रभारी के माध्यम से आवेदन देंगे और अनुमति मिल जाएगी। अनुमति के बिना किसी को मुख्यालय छोड़ने की इजाजत नहीं होगी।
27 मंत्रियों के साथ नीतीश की नई टीम तैयार
एनडीए का नया मंत्रिमंडल अब काम में तेजी लाने की कोशिश में जुट चुका है। सीएम सहित कुल 27 मंत्री सरकार में शामिल हैं और बीजेपी ने नए मंत्रियों को बधाई देते हुए कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की नई शुरुआत होगी।
विभागीय बदलावों से लेकर प्रशासनिक तैयारियों तक, पूरी व्यवस्था इस संकेत की ओर इशारा कर रही है कि 25 नवंबर की बैठक बिहार के राजनीतिक और प्रशासनिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस बैठक में सरकार अपनी प्राथमिकताओं को तय करेगी और आगे के एजेंडे को अंतिम रूप देगी, जिससे यह साफ हो जाएगा कि आने वाले महीनों में बिहार की दिशा क्या होगी।








