Beur Jail Raid: बिहार की राजधानी पटना से बड़ी खबर सामने आई है। गुरुवार सुबह पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने बेऊर जेल में औचक छापेमारी की, जिससे जेल प्रशासन और कैदियों में हड़कंप मच गया। चुनावी माहौल के बीच अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यह कार्रवाई की गई, जिसमें कई आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद हुई हैं।
Beur Jail Raid: चुनाव से पहले पुलिस प्रशासन सर्तक
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सर्तक हो गया है। अपराधियों और उनके नेटवर्क पर निगरानी बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में गुरुवार 23 अक्टूबर की सुबह पटना के आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर में पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने औचक छापेमारी की। इस छापेमारी का नेतृत्व पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने किया। टीम ने जेल के विभिन्न खंडों में तलाशी अभियान चलाया और संदिग्ध वस्तुओं की खोज की।
मिट्टी के नीचे दबे मिले मोबाइल फोन
छापेमारी के दौरान सबसे चौंकाने वाली बरामदगी गंगा खंड के बाहरी परिसर से हुई। वहां मिट्टी के नीचे छिपाकर रखे गए पाँच पुराने कीपैड मोबाइल फोन (सिम और बैटरी रहित) बरामद किए गए। अधिकारियों का कहना है कि यह फोन कैदियों या उनके संपर्क में रहने वालों द्वारा संचार के लिए उपयोग में लाए जाते थे।
इसके अलावा, विशेष सुरक्षा कक्ष के खंड संख्या 10 में वेंटिलेशन की खिड़की के पीछे से एक पुराना ईयरबड भी जब्त किया गया। यह ईयरबड संभवतः फोन से जोड़कर बातचीत करने के लिए उपयोग किया जाता था।
जेल प्रशासन ने की पुष्टि
बेऊर कारा प्रशासन ने बताया कि जब्त सामग्री के संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बेऊर थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अनुरोध किया गया है। साथ ही, इस बात की जांच की जा रही है कि जेल के अंदर प्रतिबंधित सामग्री कैसे पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई जेल में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है और भविष्य में भी समय-समय पर औचक निरीक्षण जारी रहेगा।
कैदियों में हड़कंप, बढ़ाई गई निगरानी
छापेमारी के दौरान कैदियों में अफरा-तफरी मच गई। कई कैदी अपने बैरक में ही सिमट गए, वहीं जेल प्रशासन ने सभी ब्लॉकों में निगरानी बढ़ा दी है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रतिबंधित सामग्री जेल के अंदर कैसे पहुंची।
सख्त निगरानी के आदेश
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जेल में तैनात कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। अगर किसी भी कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
बिहार चुनाव के मद्देनज़र प्रशासन की यह कार्रवाई दिखाती है कि सरकार और पुलिस अब जेलों में फैले अवैध नेटवर्क पर सख्ती से लगाम लगाने के मूड में हैं। बेऊर जेल में हुई यह छापेमारी आने वाले दिनों में अन्य जिलों की जेलों में भी इसी तरह के अभियानों का संकेत दे रही है।