पटना (बिहार) – बिहार सरकार ने बालू माफियाओं की नकेल कसने के लिए कमर कस ली है। राज्य के दानापुर इलाके में आज आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और जिला खनन विभाग की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस अभियान के दौरान 40 से अधिक अवैध बालू भंडारण का पर्दाफाश हुआ, साथ ही 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस कार्रवाई से बालू कारोबार में हड़कंप मच गया है।
सोन नदी घाट पर छापा: अवैध खनन का भंडाफोड़
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को गुप्त जानकारी मिली थी कि माफिया गिरोह सोन नदी से अवैध रूप से बालू निकालकर उसका जमावड़ा कर रहा है। सूचना के आधार पर मनेर के सुअरमरवा और चौरासी घाट पर टीम ने छापेमारी की। जांच के दौरान पाया गया कि वहां बड़ी मात्रा में बालू का अवैध भंडारण किया गया था, जिसे बाजार में ऊंचे दाम पर बेचने की तैयारी थी।
100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
अभियान के तहत जब्त किए गए अवैध भंडारण को देखते हुए, खनन विभाग और स्थानीय पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए सैकड़ों लोगों को अभियुक्त बनाते हुए मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई बालू माफिया पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अभियान रहेगा लगातार जारी
इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे EOU के डीएसपी ने मीडिया को बताया कि बालू माफियाओं की पहचान कर ली गई है और जल्द ही चिह्नित आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सिर्फ शुरुआत है और आगे भी ऐसे छापेमारी अभियान जारी रहेंगे।
NGT के आदेश के बावजूद जारी था अवैध खनन
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने बिहार में तीन महीने तक बालू खनन पर रोक लगा रखी है। बावजूद इसके माफिया नियमों की अनदेखी करते हुए चोरी-छिपे बालू का दोहन कर रहे थे। उनकी योजना इस अवैध भंडारण को महंगे दामों पर बेचने की थी, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था और पर्यावरण को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा था।
दानापुर की यह कार्रवाई बालू माफियाओं के खिलाफ एक सख्त संदेश है। अब यह साफ हो गया है कि सरकार और प्रशासन अवैध खनन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। आने वाले दिनों में ऐसे और भी ऑपरेशनों की उम्मीद है, जिससे बालू के काले कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।